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वर्धमान सरस्वती शिशु मंदिर में शिक्षा के साथ कौशल विकास भी

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गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश 

आज के समय में बच्चों के विकास के लिए केवल किताबों की शिक्षा ही नहीं, बल्कि जीवन से जुड़ी उपयोगी कला और हुनर सीखना भी बेहद आवश्यक है और इसी सोच के साथ वर्धमान सरस्वती शिशु मंदिर, लोनी में विद्यार्थियों में आत्मनिर्भरता और कौशल विकास की भावना जगाने के लिए एक पहल की गई है। इस पहल का उद्देश्य बच्चों को भविष्य के लिए तैयार करना और उन्हें छोटे-छोटे कामों में माहिर बनाना है।

 

बतातें चलें कि विद्यालय के अध्यक्ष श्री मनीष जैन जी के मार्गदर्शन से विद्यालय में कक्षा पाँचवीं के विद्यार्थियों के लिए कौशल विकास कार्यक्रमों का शुभारंभ किया गया। इनमें लड़कों के लिए मोबाइल रिपेयरिंग और लड़कियों के लिए ब्यूटीशियन एवं मेहंदी आर्ट की कक्षाएं शुरू की गई।  इन कक्षाओं के प्रशिक्षक के रूप में श्री हरिओम जी मोबाइल रिपेयरिंग और ब्यूटीशियन और मेहंदी आर्ट के लिए कुमारी खुशी जी को नियुक्त किया गया है और दोनों प्रशिक्षक हर हफ्ते विद्यार्थियों को प्रशिक्षण देंगे और विद्यालय में एक पीरियड इसी उद्देश्य के लिए निर्धारित किया गया है।


कार्यक्रम के अंत में श्री मनीष जैन जी ने बच्चों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि ऐसे प्रशिक्षण उनके उज्ज्वल भविष्य की दिशा में एक दृढ़ कदम हैं। बता दें यह पहल एक सकारात्मक कदम है। यह कदम बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ाने, आत्मनिर्भर बनने और विद्यार्थियों के जीवन में महत्वपूर्ण योगदान देगा।