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जहां-जहां प्रभु राम के पड़े पग, वहां-वहां होंगे श्री राम स्तम्भ

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जहां-जहां प्रभु राम के पड़े पग, वहां-वहां होंगे श्री राम स्तम्भ

 - युवाओं के हो सकेंगे प्रभु श्री राम के जीवन दर्शन

- श्री राम संस्कृत शोध न्यास की पहल से स्थापित किए जाएंगे श्री राम स्तम्भ


अयोध्या मर्यादा पुरुषोत्तम राम की जन्मस्थली है, लेकिन उनके चरण देश के अन्य हिस्सों में भी पड़े हैं। क्या आप जानते है प्रभु श्री राम के चरण कहां-कहां पड़े। अगर नहीं तो यह खबर आपके लिए ही है, क्योंकि जल्द ही अब श्री राम संस्कृत शाेध न्यास की पहल से युवाओं को पता लग पाएगा कि श्री राम के पावन चरणों की स्मृतियां कहां है और उनसे जुड़े ऐतिहासिक संदर्भ, श्री राम का उनसे संबंध व स्थान की विशेषता व प्रसंग क्या हैं। क्योंकि संस्था द्वारा प्रभु श्री राम के पावन चरणों की वन गमन यात्रा पर श्री राम स्तम्भ लगाने का फैसला लिया गया है, जो जल्द ही लगा दिए जाएंगे, जिससे युवाओं को पता लगेगा उनकी वन गमन की पूरी यात्रा के बारे में।


5000 किलोमीटर की यात्रा पर होंगे स्तम्भ

श्री राम संस्कृत शोध न्यास की ओर से मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के पावन चरणों की स्मृतियों को युवाओं तक पहुंचाने के लिए एक पहल की है। जिससे युवा प्रभु श्री राम के पावन चरणों की वन गमन यात्रा को जान सकेंगे।इसके लिए एक दिव्य संस्कृति यात्रा जल्द ही शुरू की जा रही है। श्री राम संस्कृत शोध संस्थान न्यास की ओर से अब अयोध्या से लेकर श्रीलंका तक 5000 किलोमीटर राम वनगमन मार्ग पर 292 श्री राम स्तंभ स्थापित करने की घोषणा की गई है। ये स्तम्भ वाल्मीकि रामायण आदि ग्रंथों में वर्णित स्थानों पर ही लगाए जाएंगे, जो उनके वन गमन मार्ग से जुड़े हैं। आपको बता दें कि श्री राम स्तम्भ पर चार भाषाओं में जानकारी लिखी जाएगी। जहां- जहां ये स्तम्भ स्थापित किए जाएंगे, वहां उस स्थल से जुड़ी विस्तृत जानकारी भी अंकित होगी। इसमें हर स्थान पर ऐतिहासिक संदर्भ, प्रभु श्री राम का उससे संबंध, उस स्थान की विशेषता व प्रसंग से जुड़ी तस्वीरें भी होंगी।



हो सकेंगे युवाओं को भगवान श्री राम के जीवन दर्शन

शोध करने वाले डॉ. राम अवतार ने बताया कि अशोक सिंगल फाउंडेशन ने एक निर्णय किया है कि जहां-जहां प्रभु श्री राम के चिन्ह मिलते हैं, ऐसे सभी स्थानों पर स्तम्भ लगाए जाएंगे। अशोक सिंगल फाउंडेशन और श्री राम संस्कृत इसके लिए प्रयासरत है। हमें आशा है कि आने वाले दो महीने में श्री राम स्तम्भ लगना शुरू हो जाएंगे। इस कार्य का उद्देश्य है कि युवा पीढ़ी को भगवान श्री राम के जीवन दर्शन को बेहतर तरीके से समझ सके। 


उकेरा जाएगा सूर्यवंश के प्रमुख प्रतीकों को

श्री राम स्तम्भ की संरचना पर विस्तार से जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि यह स्तम्भ 15 फीट ऊंचा, ढाई फीट चौड़ा और 5 फीट आधार वाला होगा, जिसका भार लगभग 12 टन है। स्तम्भ के शीर्ष पर साढ़े पांच फीट ऊंचा पीतल निर्मित ध्वज प्रतिष्ठित होगा। इसमें संस्कृत, हिन्दी और स्थानीय भाषा में स्थल की महत्ता तथा भगवान श्री राम के उससे संबंध का विवरण अंकित होगा। इसके साथ सूर्यवंश के प्रमुख प्रतीकों को भी उकेरा जाएगा।




अयोध्या में श्री राम स्तम्भ स्थापित करने का उद्देश्य भगवान श्री राम के वन गमन मार्ग पर विशेष स्थलों को चिन्हित करना है, यह स्तम्भ भगवान श्री राम के जीवन दर्शन व यात्रा के दौरान मार्ग के स्थलों को याद करने में मदद करेगा, इसके साथ युवाओं को भगवान राम के जीवन दर्शन हो सकेंगे, उनसे जुड़े ऐतिहासिक संदर्भ व प्रसंगों से युवाओं को प्रेरणा भी मिलेगी।