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क्या मदरसे बन चुके हैं हवस के अड्डे ?

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हापुड़, उत्तर प्रदेश : जहाँ शिक्षा मिलनी चाहिए थी, वहाँ शर्म मिली। जहाँ इबादत होनी चाहिए थी, वहाँ दरिंदगी हुई। जहाँ बच्ची को भविष्य मिलना चाहिए था, वहाँ उसे नर्क दे दिया गया। उत्तर प्रदेश के हापुड़ में एक 14 वर्षीय मासूम बच्ची के साथ वही हुआ, जो किसी दुश्मन के साथ भी नहीं होना चाहिए। एक मदरसे में पढ़ने वाली बच्ची के साथ वहां के मौलाना ने ही महीनों तक बलात्कार किया। वो उसे कुरान पढ़ाने के नाम पर बुलाता रहा और उसे अपनी हवस का शिकार बनाता रहा। इतना ही नहीं – उस दरिंदे ने बच्ची का अश्लील वीडियो बनाया और वायरल कर दिया। जब वीडियो बच्ची के परिवार तक पहुंचा, तब जाकर यह जघन्य अपराध सामने आया। पुलिस में शिकायत दर्ज हुई, मौलाना को गिरफ्तार किया गया, लेकिन क्या इस गिरफ्तारी से उस मासूम की जिंदगी पहले जैसी हो पाएगी? ये मात्र एक घटना नहीं है — यह उस सड़ी हुई मानसिकता की कहानी है: जो इस्लाम की आड़ में अपराध को छुपाती है, जो मौलाना को सर्वश्रेष्ठ का रूप मानकर प्रश्न पूछने से डरती है और जो हर बार मासूमों की आवाज को कुचल देती है। अब चुप रहना पाप है। सवाल उठाओ- क्यों ऐसे मदरसों पर निगरानी नहीं होती? क्यों मौलवियों की पृष्ठभूमि की जांच नहीं होती? कब तक इस्लाम की ढाल बनाकर बेटियों की अस्मत को रौंदा जाएगा? अब समय आ चूका है दरिंदों को ऐसा दण्ड मिले, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए चेतावनी बन जाए।