• अनुवाद करें: |
इतिहास

सांप्रदायिक कौन? - श्री गुरुजी

  • Share:

  • facebook
  • twitter
  • whatsapp

सांप्रदायिक कौन? - श्री गुरुजी

" वे लोग साम्प्रदायिक कहे जाएंगे, जो देश के प्रति निष्ठा रखते हुए भी शेष समाज से अलग, अपने पंथ, बिरादरी, भाषा और तथाकथित जाति के आधार पर सोचते हों, और अपने मर्यादित लाभ एवं राजनीतिक सत्ता के उपभोग के निमित्त ऐसे विशेष अधिकारों व सुविधाओं को प्राप्त करने के लिए प्रयत्नशील हों जो समाज के सर्वसामान्य व्यक्तियों को उपलब्ध न हों। और इस उद्देश्य से वे दूसरों के साथ घृणा व द्वेष भी करते हों, उनका विरोध करते हों तथा कभी-कभी हिंसात्मक उपायों का भी अवलम्बन करते हों।

।। श्री गुरूजी व्यक्तित्व एवं कृतित्व, डॉ. कृष्ण कुमार बवेजा, पृष्ठ 152 ।।