हाथरस,यूपी
आज के समय की महिलाएं आत्मनिर्भर बनने के लिए हर संभव प्रयास कर रही हैं। चाहे वो महिलाएं शहर की हो या फिर गांव की. कोई भी महिला पीछे नहीं हैं। वही बात करें ग्रामीण महिलाओं की तो स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से वो ना केवल अपने परिवार की मदद कर रही हैं, बल्कि समाज में भी अपनी एक अलग पहचान बना रही हैं। इसी दिशा में हाथरस की महिलाओं को एक नया अवसर मिला है, जिससे वो घर बैठे काम करके आत्मनिर्भर बन सकती हैं। जी हां हाथरस की वो महिलाएं जो महीनों से काम की तलाश में थीं, अब उन्हें घर बैठे तिरंगा बनाने का काम मिल गया है। सरकार के “हर घर तिरंगा” अभियान के माध्यम से जिले में कुल पांच लाख तिरंगे लगाने का लक्ष्य तय किया गया है। इनमें से दो लाख तिरंगे बनाने की जिम्मेदारी स्वयं सहायता समूहों को दी गई है। जानकारी के अनुसार 13 से 15 अगस्त तक चलने वाले इस अभियान का उद्देश्य हर घर पर तिरंगा फहराना और लोगों में देशभक्ति की भावना को दृढ़ करना है। यह अभियान तीन चरणों में चलेगा। झंडों की बिक्री और वितरण के लिए राशन की दुकानों, ग्राम पंचायत भवनों, जन सेवा केंद्रों, ब्लॉक और कार्यालयों, स्कूलों, आंगनबाड़ी केंद्रों, पेट्रोल पंपों, गैस एजेंसियों और डाकघरों को चुना गया है।
इस कड़ी में जानाकरी देते हुए राष्ट्रीय आजीविका मिशन के जिला प्रबंधक रंजन बाबू ने बताया कि इन समूहों की सैकड़ों महिलाएं इस काम में जुट गई हैं। हर झंडे के बदले सरकार की ओर से 20 रुपये मिलेंगे। एक झंडा बनाने में लगभग 15 रुपये की लागत आएगी, जिससे हर झंडे पर महिलाओं को 5 रुपये का लाभ होगा। इससे महिलाओं को न केवल काम मिलेगा, बल्कि वे आर्थिक रूप से सशक्त भी बनेंगी और समाज में अपनी स्वयं की पहचान बनाएगी।