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आत्मनिर्भरता के पथ पर बढ़ रहीं महिला बंदी

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आत्मनिर्भरता के पथ पर बढ़ रहीं महिला बंदी

अलीगढ़, उत्तर प्रदेश :  किसी कारणवश आवेश में आकर किसी प्रकार का अपराध कर चुके लोग जो आज कारागार में अपने अपराधों की सजा काट रहे हैं। ऐसे लोगों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने और उनके आने वाले जीवन को सरल बनाने के लिए समाज के कई लोग विभिन्न प्रकार की सकारात्मक पहल कर रहे हैं। कुछ ऐसा ही कार्य उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जनपद के कारागार में भी देकने को मिल रहा है।


दरअसल अलीगढ़ के जिला कारागार में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के 'एडवांस्ड सेंटर फॉर वुमेंस स्टडीज तथा सामाजिक संगठन आसरा और उम्मीद के संयुक्त प्रयास से महिला बंदियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए तीन महीने का प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया गया।


इस कार्यक्रम के अंतर्गत जेल में 15 महिलाओं को सिलाई, कढ़ाई, बुनाई के प्रशिक्षण के साथ मानसिक स्वास्थ्य संबंधी तकनीकी शिक्षा दी गई। प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य महिला बंदियों को सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक दृष्टिकोण से सशक्त बनाना था। महिला बंदियों ने खुशियां साझा करते हुए कहा कि उन्होंने इस कार्यक्रम के माध्यम से न केवल नए कौशल सीखे हैं, बल्कि मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने की दिशा में भी मार्गदर्शन मिला है, और अब वे आत्मनिर्भर बनने की दिशा में कदम बढ़ाने के लिए प्रेरित हैं। प्रशिक्षण के बाद सभी को प्रमाणपत्र दिए गए। कार्यक्रम के आयोजकों ने कहा कि आगे भा इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम संस्था द्वारा निरंतर चलते रहेंगे।


इस प्रकार महिला बंदियों के लिए चलाया जा रहा यह कार्यक्रम न केवल उनके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाकर समाज की मुख्य धारा से जोड़ने का कार्य कर रहा है बल्कि उन्हें आत्मनिर्भरता के पथ पर चलने के लिए प्रोत्साहित भी कर रहा है।