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इतिहास

विश्व परिवार दिवस 15 मई अंतरराष्ट्रीय दिवस

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विश्व परिवार दिवस 15 मई अंतरराष्ट्रीय दिवस
विश्व को भारत की देन:‘कुटुंब संस्कृति’
भारतीय संस्कृति में परिवार एवं कुटुम्ब का विशेष महत्त्व है। यह भारतीयसमाज की इकाई और हमारे संस्कारों की सृजनभूमि है । धर्म-संस्कृति का संरक्षण और पीढ़ी-पीढ़ी इनका हस्तांतरण का साधन है कुटुम्ब।
कर्तव्य, अधिकार, निष्ठा, प्रेम, सद्भाव, अपनत्व और मानवीय संवेदनाओं के अंकुरण और वृद्धि का मूल है कुटुम्ब। हमारी हजारों वर्ष प्राचीन विरासत कुटुम्ब परम्परा से ही पीढ़ी दर पीढ़ी संरक्षित रही है।
दादा-दादी, माता-पिता, ताऊ-ताई, चाचा-चाची, भैया-भाभी, ननद-भौजाई, देवरानी-जेठानी, भाई-भाई, भाई-बहन और बच्चों से परिपूर्ण कुटुम्ब परम्परा विश्व को भारत की एक ऐसी देन है जिसमें मानव का बहुमुखी विकास होता है और वह परिवार, समाजऔर राष्ट्र कापोषण करते हुए एक कल्याणप्रदआनंदमयी जीवन व्यतीत करता है। अपनी कुटुम्ब संस्कृति का संवर्धन करना हम सबका सांस्कृतिक एवं राष्ट्रीय कर्तव्य है।