महर्षि देवेन्द्रनाथ ठाकुर 15 मई 1817 – 19 जनवरी 1905) दार्शनिकएवं समाज सुधारक जयन्ती पर कोटि-कोटि नमन
महर्षि देवेन्द्रनाथ ठाकुर भारत के पुनरुत्थान हेतु गठित ब्रह्म समाज के प्रमुख सदस्य थे, जिसका उन्होंने1843 ई. से बड़ी सफलता के साथ नेतृत्व किया। 1843 ई. में उन्होंने 'तत्वबोधिनी पत्रिका' भी प्रकाशित की, जिसके माध्यम से उन्होंने देशवासियों को गम्भीर चिन्तन के लिए प्रेरित किया।
इस पत्रिका ने मातृभाषा के विकासतथा विज्ञान एवं धर्मशास्त्र के अध्ययन की आवश्यकता पर बल दिया।उन्होंने तत्कालीन प्रचलित सामाजिक अंधविश्वासों व कुरीतियों के उन्मूलन में भी विशेष भूमिका का निर्वहन किया। उन्होंने ईसाई मिशनरियों द्वारा किये जाने वाले मतान्तरण के विरुद्ध कठोर संघर्ष छेड़कर इसका पुरजोर विरोध कियाथा।




