महादेव की नगरी काशी में
हनुमान जयंती का उत्सव बेहद खास तरीके से मनाया जाता है.पर भिखारीपुर से पिछले 18 वर्षों से आयोजित होने वाली भव्य हनुमान ध्वजा यात्रा का आयोजना किया गया।
यात्रा में करीब 50 हजार हनुमान भक्त शामिल हुए। इस यात्रा में 75 फीट लंबा लाल ध्वज लोगों के आकर्षण का केंद्र रहा। ध्वज पर जय श्री राम
लिखा था। ये ध्वज संकट मोचन बाबा को मंदिर पहुंच समर्पित किया गया। इसके अलावा 70 फीट लंबे रथ पर हनुमान जी विराजमान होकर सभी को दर्शन देते रहे। यात्रा
भिखारीपुर से शुरू होकर नेवादा,सुंदरपुर,नरिया, लंका होते हुए संकट मोचन मंदिर पहुंची।
रथ पर विराजे राम दरबार का
षोडशोपचार विधि से पूजन किया गया। इस शोभा यात्रा में सबसे आगे 75 फीट की मुख्य
ध्वजा, जिसके बाद मुख्य रथ, पालकी और फिर महिलाओं की कतार, अलग अलग क्षेत्रों से शामिल कार्यालयों की
झांकी और अंत में हजारों की संख्या मे हाथों में पताका संग भक्तों का रेला उमड़ा
रहा। यात्रा का दूसरा आकर्षण 70 फुट लम्बे वाहन का मुख्य रथ रहा। इस पर मनोहारी
झांकी सजी थी। ध्वजा यात्रा में 80 झांकियां शामिल रही। साथ ही परम्परागत वेशभूषा
में आरती की थाली लिये पूरी श्रद्धा के साथ महिलाएं नंगे पाँव मंदिर पहुंची। जहां
श्रद्धालुओं ने हनुमान जी की सामूहिक आरती और हनुमान चालीसा पाठ किया गया।
भक्तों
ने मंदिर में उमड़कर कीर्तन
मंडली के साथ राम धुन पर संगत किया। इस दौरान संकटमोचन मंदिर में पवनपुत्र हनुमान
को सवा 5 मन लड्डू का प्रसाद चढ़ाया गया। पालकी पर बैठ बाल हनुमान ने मंदिर में
भक्तों को दर्शन दिया। संकट मोचन दरबार में ध्वजा अर्पण, चालीसा पाठ, महाआरती के बाद मंदिर के महंत प्रो.विश्वम्भरनाथ मिश्र द्वारा भक्तों में
प्रसाद वितरण किया गया। इसके बाद यात्रा का समापन हुआ।