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यूपी के लंगड़ा आम की विदेशों में भारी डिमांड, हर साल 35 से 40 लाख मीट्रिक टन होता है उत्पादन

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लंगड़ा आम को देश में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी पसंद किया जाता है. अब तक लंगड़ा आम लंदन से लेकर जापान तक निर्यात हो चुका है. वहीं इस वर्ष एपीडा के द्वारा एक दर्जन से ज्यादा देशों में निर्यात की संभावनाओं को तलाशा जा रहा है.  वर्ष 2022 में 6 टन तक आम का निर्यात किया गया था जिसमें इस बार 10 से 15 गुना तक वृद्धि होने का अनुमान है.

 यूपी में हर साल 35 से 40 लाख टन आम का उत्पादन होता है. यहां की रंगीली तीखी मिर्च की भी खूब मांग है. आगरा में हुए दो दिन के अंतराष्ट्रीय क्रेता-विक्रेता सम्मेलन में ग्रीस व अन्य कई देशों से आए कारोबारियों ने इन उत्पादों में अपनी गहरी रुचि दिखाई है.इस सम्मेलन से कई देशों में यूपी के निर्यात की नई संभावनाओं को आकार मिला है. इसके लिए अब पूरी कार्ययोजना तैयार की जा रही है. आगरा में दो व तीन अप्रैल को अंतराष्ट्रीय क्रेता विक्रेता सम्मेलन का आयोजन किया गया था. इस आयोजन में मुख्य फोकस जहां आलू पर था तो वहीं अन्य औद्यानिक उत्पादों के लिए भी मशक्कत की गई थी. सम्मेलन में उप्र के 150 से ज्यादा एफपीओ, कारोबारी, किसान शामिल हुए तो साथ ही विभिन्न देशों के 70 कारोबारियों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई. 

दशहरी और चौसा भी इन देशों को भाया है. यूपी में प्रतिवर्ष 35 से 40 लाख मीट्रिक टन आम का उत्पादन होता है. साल 2020-21 में 104 टन आम का निर्यात किया गया था. वर्ष 2021-2022 में यह 4122 टन पर पहुंच गया. वर्ष 2022-2023 में अप्रैल से जनवरी माह तक ही 527 मीट्रिक टन का निर्यात हुआ. दरअसल मलिहाबाद के अलावा उन्नाव का हसनगंज, हरदोई का शाहबाद, सहारनपुर का बेहट, बाराबंकी, प्रतापगढ़, बुलंदशहर, बागपत का रटौल, मेरठ का धौलड़ी और अमरोहा समेत विभिन्न 15 ऐसे क्षेत्र हैं, जहां आम की गुणवत्ता न केवल बेहद अच्छी है बल्कि यहां से दूसरे देशों को निर्यात होता है.