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‘ट्रेन जिहाद’ से हिन्दुओं को मारने की साजिश !

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फिर वही नाम, फिर वही मंजर, फिर वही मजहब?

जब पटरी बनी कट्टरपंथियों के साजिश की जमीन

जौनपुर: भारत की समरसता परंपरा ने सदियों से विभिन्न संस्कृतियों और आस्थाओं को एक साथ फलने-फूलने का अवसर दिया है। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में ऐसी कई घटनाएँ सामने आई हैं, जिन्होंने देश की राष्ट्रीय सुरक्षा और सामाजिक सौहार्द पर गंभीर प्रश्न खड़े किए हैं। चाहे वह आतंकवादी कृत्य हो, मजहबी कट्टरता से प्रेरित हिंसक अपराध हो या फिर संवेदनशील संस्थानों पर हमले, इनमें एक ही कट्टरपंथी मजहबी सोच के युवा पकड़े जाते हैं। भारत की रेलवे लाइनें सिर्फ लोहे की पटरियाँ नहीं, बल्कि करोड़ों लोगों की जीवन रेखा हैं। लेकिन जब इन्हीं पटरियों पर साजिश का सामान रखा जाता है, तब यह सवाल उठता है क्या ये मात्र आपराधिक कृत्य है या

कट्टरपंथियों द्वारा देश की संप्रभुता पर सुनियोजित हमले?

जौनपुर में रेल पटरी उड़ाकर जनसंहार की साजिश की बात हो या हरदोई में सोशल मीडिया पर वायरल होने के लिए कत्ल की तैयारी। कानपुर में दो बार सिलेंडर रखकर हादसे की साजिश, अजमेर में पटरियों पर सीमेंट ब्लॉक रखकर मालगाड़ी को बेपटरी करने की कोशिश, सूरत में फिश प्लेट खोलने और रामपुर में भी पटरी पर खंभा रखकर निर्दोष लोगों की जान लेने के षड्यंत्र में एक खास तरह का पैटर्न दिख रहा है। इन सभी मामलों में आरोपितों की पहचान एक ही मजहब से जुड़ी पाई गई है। ऐसी कट्टरपंथी मानसिकता ने न केवल देश की कानून-व्यवस्था को चुनौती दी है, बल्कि आम नागरिकों के पारस्परिक विश्वास को भी गहरा आघात पहुँचाया है।

क्या है पूरा मामला ?

उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में एक बड़ी रेल दुर्घटना को समय रहते टाल दिया गया, जब दो मुस्लिम युवकों ने रेलवे ट्रैक पर लोहे का ड्रम रखकर ट्रेन पलटाने की साजिश रची। यह घटना वाराणसी-लखनऊ रेलखंड पर सरायहरखू और श्रीकृष्णा नगर स्टेशनों के बीच औंका गांव के पास हुई। रेलवे सुरक्षा बल और बक्शा थाना पुलिस की सतर्कता से यह बड़ी साजिश नाकाम हो गई। दोनों आरोपियों, अफजल अली उर्फ सोनू और अफजल अली को गिरफ्तार कर रेलवे अधिनियम की धाराओं 151 और 153 के तहत जेल भेज दिया गया है।  

पहले भी हो चुकी है ऐसी घटनाएं 

यह घटना उत्तर प्रदेश में रेल पटरियों पर की जा रही साजिशों की कड़ी में एक और उदाहरण है। पिछले कुछ महीनों में देश में कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां ट्रेनों को पटरी से उतारने की कोशिश की गई-  

आइये सिलसिलेवार तरीके से डालते हैं ऐसी घटनाओं पर एक नजर

जौनपुर - लोहे के ड्रम से मौत का षड्यंत्र रचा 

स्थान: वाराणसी-लखनऊ रेलखंड, औंका गाँव

घटना: रेलवे ट्रैक पर लोहे का ड्रम रखकर ट्रेन पलटाने की कोशिश

आरोपी: अफजल अली उर्फ सोनू और अफजल अली

उद्देश्य: प्रारंभिक पूछताछ में दोनों युवकों ने कबूल किया कि वे ट्रैक पर रुकावट डालकर 'कोई बड़ा काम' करना चाहते थे। पुलिस ने साजिश की गहराई से जांच शुरू की।

नतीजा: रेलवे अधिनियम की धारा 151 व 153 के तहत दोनों को जेल भेजा गया।

 

हरदोई - वायरल होने के लिए कत्ल की तैयारी

स्थान: हरदोई रेलवे ट्रैक

घटना: पटरियों पर बोल्ट व लोहे का सामान रखकर वीडियो बनाना

आरोपी: इबादुल्लाह और अनवरुल

उद्देश्य: यूट्यूब और सोशल मीडिया पर ‘डेंजर वीडियो’ पोस्ट करने की सनक

नतीजा: पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार किया, दोनों के मोबाइल में सैकड़ों स्टंट वीडियो बरामद हुए।


अलीगढ़ - एलॉय व्हील से विस्फोटक की तरह वार

स्थान: अलीगढ़ रेलवे ट्रैक

घटना: पटरियों पर एलॉय व्हील रखकर ट्रेन को पटरी से उतारने की कोशिश

आरोपी: अफसान

उद्देश्य: जांच में सामने आया कि आरोपी मानसिक रूप से कट्टरता से ग्रसित था और ट्रेन दुर्घटना कराना चाहता था।

नतीजा: पुलिस ने उसे तुरंत गिरफ्तार कर लिया।

क्या ये महज इत्तेफाक हैं या कट्टरपंथियों के साजिश की जमीन ?

इन घटनाओं से यह स्पष्ट होता है कि भारत की रेलवे सुरक्षा को केवल तकनीकी स्तर पर नहीं, सामाजिक और वैचारिक स्तर पर भी चुनौती दी जा रही है। जहाँ कुछ घटनाएँ सोशल मीडिया सनसनी के लिए की गईं, वहीं कई साजिशें आतंकवाद,मजहबी कट्टरता या अंदरूनी विद्रोह की ओर इशारा करती हैं।