किठौर, उत्तर प्रदेश : ये वही सोच और वही मजहब है जहाँ हलाला को पवित्र, बहन-बेटी को सौदा और तलाक को खिलौना समझा जाता है। शाहजहाँपुर की मुस्लिम युवती महजबी भी इसी घृणित सोच का शिकार बनी है। मेरठ के तारापुरी मोहल्ले के निवासी रिजवान से महजबी का निकाह हुआ था, कुछ समय बाद ही रिजवान का असली चेहरा सामने आने लगा। महजबी का आरोप है कि वह जब गर्भवती हुई, उसके साथ प्रताड़ना की जाने लगी। रिजवान दहेज की मांग करता और कमरे में बंद कर उसे बुरी तरह पीटता। बेटा पैदा हुआ मगर इससे भी इन दहेज लोलुप मौलाना-मिजाज दरिंदों को कोई फर्क नहीं पड़ा। कुछ दिन बाद रिजवान ने वही किया जो इस्लामी समाज के कुचक्र में आम बात है फोन पर ‘तलाक-तलाक-तलाक’ कहकर रिश्ता तोड़ दिया। इतना ही नहीं रिजवान ने बेटे को भई अपने पास रखने से मना कर दिया।
महजबी ने रिजवान, उसके भाई हारून, शारिक और उसके परिवार वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।
महजबी कोई पहली लड़की नहीं हैं जो कट्टरपंथी सोच का शिकार बनी है, अधिकतर मुस्लिम बेटियां प्रताड़ित की जाती हैं, पीटी जाती हैं, तीन तलाक देकर उन्हें बेघर कर दिया जाता है।
इस्लामी समाज के अंदर छिपा यह कट्टर, महिला विरोधी, कट्टरपंथी मानसिकता का गटर अब सड़ांध मारने लगा है।