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अलीगढ़ में सलमान बना शुभम, हिंदू बेटी से लव जिहाद!

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  • पहचान छिपाकर घर में घुसा कट्टरपंथी मुस्लिम, हिन्दू बेटी को फंसाने का रचा षड्यंत्र
  • मुस्लिम युवक ने हिन्दू नाम रख छिपाई पहचान
  • अलीगढ़ में घिनौने षड्यंत्र की घटना उजागर
  • घटना से हिंदू संगठनों में उबाल

अलीगढ़, उत्तर प्रदेश : पहचान छिपाकर हिन्दू समाज में घुसपैठ करना अब मजहबी जिहाद का खतरनाक हथियार बन चुका है। अलीगढ़ के गभाना थाना क्षेत्र में ऐसा ही एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है जहाँ एक मुस्लिम युवक ने 'शुभम' नाम  रखकर हिन्दू युवती को प्रेमजाल में फँसाया और बहला कर भगा ले गया। यह कोई सामान्य अपराध नहीं, अपितु एक बहुत बड़ी सामाजिक और धार्मिक षड्यंत्र है। लगभग डेढ़ माह पूर्व युवक अपने माता-पिता के साथ एक हिंदू परिवार के मकान में किराए पर रहने आया। खुद को 'शुभम' बताकर उसने ब्राह्मण होने का नाटक किया और हिन्दू रीति-नीति से मेल खाते व्यवहार से मकान मालिक का विश्वास जीता। जब आधार कार्ड माँगा गया, तो वह बार-बार टालता रहा। यही वह वक्त था जब उसने मकान मालिक की बेटी से मित्रता बढ़ाई और उसे अपने झूठे प्रेमजाल में फँसा लिया। 8 मई की सुबह युवती अचानक गायब मिली, तब जाकर सच्चाई सामने आई। युवती को परिजनों को पता चला कि शुभम वास्तव में सलमान है तो उनके हौंस उड़ गए। सलमान ही उनकी बेटी को बहलाकर अपने साथ भगा ले गया।

हिन्दू संगठनों में उबाल

घटना के सामने आते ही राष्ट्रवादी हिन्दू संगठनों के कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए। उन्होंने अलीगढ़ एसपी सिटी कार्यालय का घेराव किया और प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया। कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो आंदोलन उग्र होगा। एसपी सिटी मृगांक शेखर पाठक ने बताया कि युवक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और तलाश जारी है। पुलिस का कहना है कि गिरफ्तारी के बाद पूरे षड्यंत्र की परतें खोली जाएंगी।

क्या यह एक अकेली घटना है?

बिल्कुल नहीं। देश भर से निरंतर ऐसी घटनाएँ सामने आ रही हैं जहाँ पहचान छिपाकर मुस्लिम युवक हिंदू बेटियों को अपने जाल में फंसा रहे हैं — लक्ष्य है मतान्तरण, सामाजिक विघट न और सांस्कृतिक अस्थिरता फैलाना। यह एक धीमा इस्लामिक आक्रमण है, जिसे अब हिन्दू समाज और राष्ट्र को समझने की आवश्यकता है। अलीगढ़ की यह घटना चेतावनी है कि अब समय आ गया है जब समाज को जागना होगा, बेटियों को सतर्क करना होगा और ऐसे मजहबी चालबाजों के खिलाफ सामाजिक प्रतिरोध खड़ा करना होगा।