वाराणसी, उत्तर प्रदेश
वाराणसी के जगतगंज में 1984 के दंगों के बाद बंद पड़ा एक पवित्र स्थल – जहाँ एक ओर श्री बड़े हनुमान मंदिर है और दूसरी ओर गुरुद्वारा – अब 42 साल बाद फिर से खुल गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल और दोनों समुदायों की आपसी सहमति से यह ऐतिहासिक सौहार्द संभव हो सका। यह वही स्थान है जहाँ सिखों के 9वें गुरु तेग बहादुर कभी पधारे थे और बाद में यहाँ गुरुद्वारा बना। वहीं, हिन्दू श्रद्धालुओं के लिए ये श्री बड़े हनुमान मंदिर का स्थल रहा है, लेकिन इंदिरा गांधी की हत्या के बाद भड़के दंगों में तनाव की आशंका से प्रशासन ने इसे सील कर दिया था। अब समझौते के तहत भूमि को बराबर बाँटा गया है – दोनों समुदाय अपनी श्रद्धा के अनुसार मंदिर और गुरुद्वारे का निर्माण करेंगे। ये न केवल धार्मिक सौहार्द की मिसाल है, बल्कि सनातन संस्कृति की उस सहिष्णुता का प्रमाण भी, जो वैर नहीं, समरसता में विश्वास रखती है।