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त्रियुगीनारायण को वैदिक पर्यटन केंद्र बनाने की पहल

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रुद्रप्रयाग, उत्तराखण्ड

देवभूमि उत्तराखण्ड अपने प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है, इसके साथ ही यहां के पौराणिक और आध्यात्मिक स्थल भी श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहते हैं और इन्हीं में से एक है रुद्रप्रयाग जिले का त्रियुगीनारायण, जिसे भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह स्थल के रूप में जाना जाता है। यह स्थान पारंपरिक शैली की शादियों के लिए भी काफी लोकप्रिय है। इसी कड़ी में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने पर्यटन निदेशालय में पर्यटन विभाग की समीक्षा बैठक की। बैठक में उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि त्रियुगीनारायण को वैदिक पर्यटन विलेज के रूप में घोषित किया जाए, जिससे यहां धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिल सके। इसके साथ ही बैठक में सतपाल महाराज ने सुझाव दिया कि राज्य के विभिन्न पर्यटन और ट्रैकिंग रूटों पर स्थानीय युवाओं के समूह तैयार कर उन्हें कैंपिंग की विशेष ट्रेनिंग दी जाए। इससे जहां पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी, वहीं स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे।

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