एक अच्छे शिक्षक की भूमिका अपने विद्यार्थियों को योग्य बनाने में सबसे ज्यादा होती है. छात्र जब सफलता की राह पर आगे बढ़ता है तो इसमें सबसे बड़ा योगदान उसके गुरु का ही होता है और ऐसे शिक्षकों को सम्मानित भी किया जाता हैं. इसी तरह से पिथौरागढ़ में प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक चंद्रशेखर जोशी को आने वाली 5 सितम्बर को शिक्षक दिवस पर राज्यपाल द्वारा पुरुस्कार से सम्मानित किया जाने वाला है.
आपको बता दें कि वे लगभग एक दशक से भारत-नेपाल की सीमा पर स्थित विद्यालय में छात्रों को पढ़ा रहें है. इसके साथ ही उन्होंने मिड-डे-मील में बहुत से नए-नए प्रयोग कर राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बनाई है. विद्यालय में मध्यान्ह के समय में होने वाले भोजन को पौष्टिक बनाने के लिए उन्होंने वहां पर मशरुम का उत्पादन भी शुरू किया और बच्चों व उनके अभिभावकों को भी इसके उत्पादन की बारीकियों को भी सिखाया.
चंद्रशेखर जोशी को विद्यालय में छात्रों को मशरुम परोसने व इसके उत्पादन की बारीकियों को समझाने के इस नए विचार को राष्ट्रीय स्तर पर भी सराहा जा चूका है. उनके इस नवाचार को बिहार के साथ-साथ अन्य विभिन्न राज्यों के विद्यालयों में भी लागू किया जा चूका है.
एक शिक्षक अपने नए-नए विचारों व तकनीकों से छात्रों को सफलता की राह तक पहुँचाने में बहुत सहयोगी होता है. अपने छात्रों को आज के इस आधुनिक युग से जोड़ने में शिक्षक को उसके नए माध्यमों के लिए पुरुस्कार से सम्मानित भी किया जाता है.