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उत्तराखंड आपदा के 9 साल बाद सिद्धपीठ धारी देवी मूल स्थान में विराजमान, देवी को माना जाता है चारों धामों का क्षेत्र रक्षक

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उत्तराखंड आपदा के 9 साल बाद विश्व प्रसिद्ध सिद्धपीठ धारी देवी मूल स्थान में विराजमान हो गई हैं। धारी देवी के नए मंदिर में विराजमान होने के अवसर पर सुबह चार  बजे से ही श्रद्धालुओं का तांता मंदिर में लगना शुरू हो गया. वहीं इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्वालु धारी देवी मंदिर में मौजूद रहे।

मूर्ति शिफ्टिंग प्रक्रिया के दौरान किसी तरह का कोई हुडदंग न हो। इसके लिए प्रशासन द्वारा 50 से अधिक पुलिस के जवानों को मौके पर तैनात किया. वहीं दूसरी ओर 10 बजे तक श्रद्धालुओं को भी मंदिर परिसर से दूर रखा गया. ताकि मूर्ति को नए  मंदिर में शांतिपूर्ण तरीके से स्थापित की जा सके. जानकारी के अनुसार मां धारी देवी के कपाट सुबह 10 बजे के बाद श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए।