- 29 अक्टूबर से शुरू होगा मेला, प्रशासन ने शुरू की तैयारी
- प्रमुख मंदिर स्थलों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आय़ोजन
- सुरक्षा व्यवस्था के कड़े बंदोबस्त, कई टीमें गठित
चित्रकूट। चित्रकूट में दीपोत्सव की भव्य तैयारी जोरों पर है। इस साल दीपोत्सव का आयोजन 29 अक्टूबर से शुरू होगा, और इसे लेकर स्थानीय प्रशासन और आयोजन समितियों ने कई विशेष कार्यक्रमों की योजना बनाई है। आयोजन में करीब 500 गांवों के 50 लाख से अधिक श्रद्धालु आएंगे। मेले की तैयारी को देखते हुए भगवान कामतानाथ मंदिर के प्रमुख द्वारा की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है । परिक्रमा मार्ग में साफ-सफाई का काम चल रहा है।
आयोजन की विशेषताएँ-
मेला-
दीपोत्सव के दौरान चित्रकूट में एक बड़ा मेला आयोजित किया जाएगा, जिसमें विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम, शिल्प मेला, और धार्मिक आयोजन शामिल होंगे। रामघाट, गुप्तगोदावरी, सति अनुसुइया, हनुमान धारा धार्मिक जगहों पर श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की समस्या न हो इसके लिए प्रशासन अभी से तैयारियों में जुट गया है।
दीप जलाना-
मेला के दौरान शहर के प्रमुख घाटों और मंदिरों पर दीप जलाने की परंपरा को जीवित रखा जाएगा। यह आयोजन विशेष रूप से रामघाट पर भव्य रूप से मनाया जाएगा, जहां लाखों दीप जलाए जाएंगे।
सांस्कृतिक कार्यक्रम-
दीपोत्सव में संगीत, नृत्य, और नाटक जैसे सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। स्थानीय कलाकारों और समूहों को इस अवसर पर प्रदर्शन करने का मौका मिलेगा। शहर को रोशनी और रंग-बिरंगी सजावट से सजाया जाएगा, जिससे यह एक जादुई माहौल में परिवर्तित हो जाएगा। विशेष पूजा-अर्चना और यज्ञ का आयोजन भी किया जाएगा, जिसमें श्रद्धालुओं को शामिल होने का आमंत्रण दिया जाएगा।
प्रशासनिक तैयारी:
स्थानीय प्रशासन ने सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की हैं, जिसमें सुरक्षा, यातायात, और स्वच्छता को प्राथमिकता दी गई है। मेला के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की आने की संभावना को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जाएंगे।
दीपोत्सव का यह आयोजन न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह स्थानीय संस्कृति और परंपरा को भी सहेजने का एक माध्यम है। चित्रकूट में होने वाला यह मेला लोगों के लिए एक अद्भुत अनुभव होगा, जहां वे न केवल धार्मिक गतिविधियों में भाग लेंगे, बल्कि सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनंद भी ले सकेंगे।