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राम मन्दिर जैसा आन्दोलन दुनिया में कहीं नहीं हुआ – डॉ. कृष्णगोपाल जी

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अयोध्या. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्णगोपाल जी ने कहा कि राष्ट्रधर्म पत्रिका का विशेष अंक समाज की नई पीढ़ी को भगवान श्रीराम के जीवन चरित्र और राम मंदिर आंदोलन के पूरे इतिहास को अच्छे ढंग से समझाएगा. राम मंदिर जैसा आंदोलन पूरी दुनिया में कहीं नहीं हुआ.

डॉ. कृष्णगोपाल जी आज राम नगरी स्थित तुलसी उद्यान में राष्ट्रधर्म पत्रिका के ‘श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा’ विशेष अंक के लोकार्पण कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि इस समय प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान को लेकर अयोध्या में विशेष वातावरण विद्यमान है. विश्व में जहां भी हिन्दू समाज है, गौरवान्वित अनुभव कर रहा है. इस गौरवशाली क्षण की प्रतीक्षा में शताब्दियां बीत गईं. कई पीढ़ियां गुजर गईं. लाखों लोग बलिदान हो गए.

सह सरकार्यवाह ने कहा कि बाहर से आए आक्रांताओं ने देश के हजारों मंदिरों को तोड़ डाला, तलवार के बल पर करोड़ों लोगों का मतान्तरण किया. ऐसी विषम परिस्थिति में हमारे देश के संतों ने राम कथा के माध्यम से 1000 वर्ष तक हिन्दू समाज को सुरक्षित रखा. देश को आजादी मिलने के बाद हिन्दू समाज को आशा थी कि जो हमारे मंदिर तोड़े गये हैं, वे हमें प्राप्त हो जाएंगे लेकिन जब ऐसा नहीं हुआ तो आन्दोलन करना पड़ा. राम मंदिर के लिए नौजवानों ने कारसेवा की. एक सुन्दर इतिहास खड़ा हो गया. राम मंदिर जैसा आन्दोलन पूरे विश्व में कहीं नहीं हुआ.

उन्होंने कहा कि आज सारे विश्व में राम की यशकीर्ति फैली है. आज कुछ लोग राम का प्रमाण मांगते हैं. राम का नाम आज करोड़ों लोग अपने मन में स्थिर कर रखे हैं, इससे बड़ा प्रमाण क्या हो सकता है. राम के नाम पर नगरों, गांवों और लोगों के नाम हैं. राम भारत के लोक जीवन में बसे हैं. राम इस देश की अंतरात्मा बन चुके हैं. राम मंदिर आन्दोलन समाज को एक दृष्टि देता है.

उन्होंने कहा कि यह मात्र समाचार के लिए नहीं, बल्कि विचार पत्रिका है. अपने प्रकाशन के 75 वर्षों में इस पत्रिका ने समय-समय पर विशेषांक निकाल कर गंभीर विषयों को सरलता के साथ समाज के सम्मुख प्रस्तुत किया है. प्राण प्रतिष्ठा के शुभ अवसर पर राष्ट्रधर्म ने ‘श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा’ पर विशेष अंक निकालकर समयानुकूल कार्य किया है. इसके लिए राष्ट्रधर्म पत्रिका परिवार को धन्यवाद भी दिया. साथ ही लोगों से अनुरोध किया कि पत्रिका के इस विशेष अंक को अधिक से अधिक लोग पढ़ें एवं उस पर चर्चा-परिचर्चा करें.

राष्ट्रधर्म के संपादक डॉ. ओम प्रकाश पाण्डेय ने बताया कि यह विशेषांक पूर्णरूप से राम मंदिर आन्दोलन पर समर्पित है. इस आन्दोलन का नेतृत्व करने वाले संतों, वरिष्ठ प्रचारकों व आन्दोलन से जुड़ी महत्वपूर्ण घटनाओं का उल्लेख किया गया है. कार्यक्रम का संचालन पत्रिका के प्रबंधक डॉ. पवन पुत्र बादल ने किया.