• अनुवाद करें: |
मुख्य समाचार

अलीगढ़ - बंदियों की बनाई राखियां

  • Share:

  • facebook
  • twitter
  • whatsapp

कारागारों में किसी कारण से सजा काट रहे बंदियों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए सरकार के साथ  साथ कई संस्थाओं की ओर से चलाई जा रही योजनाओं का लाभ देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए देशभर में प्रयास किए जा रहे हैं। ऐसे प्रयासों द्वारा बंदियों को उनकी रुचि के अनुसार कार्य सिखाया जाता है।

कुछ ऐसा ही काम यूपी के अलीगढ़ में भी हो रहा है। यहां जिला कारागार में बंदियों द्वारा त्योहारों की तैयारियां जोर पकड़ चुकी हैं। एक ओर बंदी स्वतंत्रता दिवस की तैयारी में जुटे हैं तो दूसरी ओर रक्षाबंधन के लिए राखियां बना रहे हैं। बंदियों द्वारा हाथों से बनाई गई इन राखियों को कारागार के बाहर आउटलेट लगाकर बेचा जाएगा। यहां कारागार में 2400 से अधिक बंदी हैं। इनकी रुचि एवं आने वाले पर्वों के अनुसार जिला कारागार प्रशासन कार्य कराता है। इन बंदियों में कोई लकड़ी से शिवलिंग बनाने में माहिर है तो कोई निष्प्रोज्य सामग्री से टेबल-कुर्सी बनाता है।

आने वाले पर्व रक्षाबंधन को देखते हुए कारागार प्रशासन ने सभी बंदियों को राखी बनाने का काम दिया है। जेलर कमलेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि बंदियों को राखी बनाने का सामान उपलब्ध करा दिया गया है। रक्षाबंधन से पहले कारागार के बाहर आउटलेट लगाकर इन राखियों को बेचा जाएगा जिससे कोई भी व्यक्ति कारागार में बनी इन राखियों को खरीद सकेगा।

जिला कारागार अलीगढ़ की ओर से किए जा रहे इस कार्य से बंदी तो आत्मनिर्भर होंगे ही साथ ही स्थानीय लोगों को हाथ से बनी अच्छी राखियां उपलब्ध कराकर स्वदेशी को भी मजबूती मिलेगी