वर्तमान में महिलाएं बुलंदियों के नए- नए शिखरों को छू रही हैं, आत्मनिर्भर बन रही हैं...अपनी प्रतिभा से वे जन जन को प्रभावित कर रही हैं...ऐसी ही प्रेरित करने वाली एक कहानी है आगरा की रहने वाली बबली और शीला की जिन्होंने अपने साथ-साथ दूसरों को भी प्रेरित किया है..गढ़ी की बबली यादव और कुआँ खेडा की शीला यादव सहित कई महिलाओं की आत्मनिर्भर होने की चाह थी...
आर्थिक समृद्धि के लिए उन्होंने अपनी ही तरह कई महिलाओं को जुटाया...खादी और ग्रामोद्योग ने उन्हें अगरबत्ती बनाने की मशीन उपलब्ध कराई...20 परिवारों को इससे नियोजित रोजगार उपलब्ध हुआ...
बबली और शीला के अनुसार अगरबत्ती के काम में पूंजी, बाजार और अच्छी मशीनों का अभाव था...उन्होंने गाँव में आर्थिक समस्या वाली महिलाओं को एकत्रित कर समूह बनाया...उसे ग्रामोद्योग व रूरल विकास नाम से पंजीकृत कराया...इस काम में सूक्ष्म व मध्यम मंत्रालय ने उनको सहायता दी..
आयोग ने महिलाओं को अगरबत्ती बनाने का 10 दिन का प्रशिक्षण भी दिया...20 प्रतिशत पूंजी महिलाओं ने अपनी ओर से व 80 प्रतिशत सहयोग खादी संगठन द्वारा लगाई गई ..कच्चा माल व बाजार लोहामंडी की रहने वाली मधु यादव ने उपलध कराया...उन्हें उच्च श्रेणी की मशीन अगरबत्ती व्यापारी ने उपलब्ध कराई...जिनसे अब मच्छर भगाने वाली अगरबत्ती बन रही है...इस छोटे से प्रयास से 20 परिवारों में समृद्धि आई है खास बात यह है कि धीरे-धीरे इस प्रकल्प से महिलाएं निरंतर जुड़ रही हैं...