चमोली, उत्तराखण्ड
बदरीनाथ धाम में हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं और इतनी भीड़ के बीच सफाई बनाए रखना हमेशा एक बड़ी चुनौती रही है। लेकिन बदरीनाथ नगर पंचायत ने इस चुनौती को अवसर में बदल दिया। कूड़ा अब बोझ नहीं, बल्कि कमाई का साधन बन रहा है। नगर पंचायत ने धाम में उत्पन्न होने वाले कूड़े का व्यवस्थित तरीके से विपणन शुरू किया और सिर्फ इसी से अब तक 8 लाख रुपये से अधिक की आय अर्जित की जा चुकी है।
साथ ही, एक करोड़ 14 लाख से ज्यादा रुपये के ईको-पर्यटक शुल्क के जरिए पंचायत की तिजोरी और भर गई। पर्यावरण संरक्षण और साफ-सफाई की ये पहल अब आय का मजबूत जरिया भी बन चुकी है। यह मॉडल अब पूरे जिले के लिए प्रेरणा बना है। अन्य नगर पालिकाएं और पंचायतें भी इस मॉडल को अपनाने की तैयारी में हैं। बदरीनाथ धाम जहां भक्ति के साथ अब स्वच्छता और नवाचार का भी संगम देखने को मिलता है। कूड़े से कमाई और पर्यावरण संरक्षण—दोनों का संतुलित उदाहरण।



