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बनारस : बाबा विश्वनाथ और घाट वाली पेंटिंग्स से चमकी BHU के स्टूडेंट्स की किस्मत, कर रहे खूब कमाई

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काशी के खूबसूरत घाट और बाबा विश्वनाथ धाम से केवल काशी के इकोनॉमी को बूस्ट मिला है बल्कि इससे काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के छात्रों की किस्मत भी चमक रही है। समय का पहिया घूमा तो कल तक काशी के जिन घाटों की गंदगी के कारण आलोचना होती थी। आज वह अपने साफ-सफाई और सौंदर्यीकरण के लिए जाना जाता है।

घाटों
का सौंदर्यीकरण हुआ तो तीर्थयात्रियों के साथ-साथ पर्यटकों का आना भी हुआ और रोजगार के अलग-अलग अवसर भी सृजित हुए। सनातनी संस्कृति का विस्तार और विकास कैसे लोगों को रोजगार की गारंटी देता है इसका अनुमान आप इस बात से लगा सकते हैं कि विकसित काशी के घाटों से  बीएचयू में पढ़ने वाले छात्र भी आज अच्छी खासी कमाई कर रहे हैं।

दरसअल
बीएचयू के फाइन आर्ट्स के छात्र हर दिन घाटों की खूबसूरत पेंटिंग तैयार करते हैं। अपनी इन पेंटिंग को फाइन आर्ट्स के स्टूडेंट्स बीएचयू में स्थित काशी विश्वनाथ मन्दिर परिसर में प्रदर्शनी लगाकर बेचते हैं। इन खूबसूरत पेंटिंग्स को मेट्रो शहर से आने वाले पर्यटकों के साथ यहां घूमने आने वाले विदेशी पर्यटक भी बहुत पसंद करते हैं।

पर्यटकों
की पसंद के कारण पेंटिंग्स की खूब बिक्री होती है। फाइन आर्ट्स के स्टूडेंट्स समीर बताते हैं कि काशी के घाटों और काशी विश्वनाथ धाम की थीम पर बनी पेंटिंग्स को पर्यटक बहुत पसंद करते हैं।  यहां आने वाले पर्यटक यादगार के तौर पर इन पेंटिंग्स को जरुर खरीदते हैं। इसके अलावा विदेशी पर्यटकों की मांग पर भी पेंटिंग्स बनाते हैं।

इन
पेंटिंग्स की कीमत 150 रुपये से लेकर 12000 रुपये तक है। स्पष्ट है कि सनातन विस्तार, विकास और पढ़ाई के साथ जब रोजगार मिल जाय तो इससे बड़ी बात और क्या हो सकती है। सच तो यह है कि संपूर्ण समाज का विकास ही सनातन का असली ध्येय है।