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देशभक्त नागरिक बन भारत को उच्च शिखर पर ले जाने का संकल्प लें – दत्तात्रेय होसबाले जी

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हाफलांग, दिमाहसाओ.

विद्या भारती की योजनाओं के तहत कृष्णचन्द्र गांधी के प्रयत्नों से दिमाहसाओ जिले में जनजातीय क्षेत्रों के लिए स्थापित सरस्वती विद्या मंदिर संस्कारयुक्त और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने में अग्रणी है. विद्यालय को सांस्कृतिक और सामाजिक केंद्र के रूप में विशेष प्रतिष्ठा प्राप्त हुई है.

जहाँ देश-विदेश के समाजसेवियों का प्रवास लगातार होता रहता है. इस क्रम में, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले जी ने सरस्वती विद्या मंदिर हाफलांग में एक दिवसीय प्रवास के दौरान छात्रों और विद्यालय परिवार से बातचीत की.

दत्तात्रेय होसबाले जी ने विद्यालय प्रांगण में स्थित भगवान राम के मंदिर में पुष्प अर्पित कर आशीर्वाद लिया. इसके पश्चात प्रेरणादायक संबोधन में छात्रों को बताया कि 11 सितंबर, 1893 को स्वामी विवेकानंद ने शिकागो में अपने ऐतिहासिक भाषण से भारत का मान बढ़ाया था. उन्होंने छात्रों को स्वामी विवेकानंद की पुस्तकों को पढ़ने और उनके आदर्शों को अपने जीवन में अपनाने की प्रेरणा दी. “हम सभी को देशभक्त नागरिक बनकर भारत माता को उच्च शिखर पर ले जाने का संकल्प लेना चाहिए और अपने जीवन का स्पष्ट लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए.”

इस अवसर पर विद्या भारती पूर्वोत्तर क्षेत्र के संगठन मंत्री डॉ. पवन तिवारी, विद्या भारती दक्षिण असम प्रांत के संगठन मंत्री महेश भागवत, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के असम क्षेत्र प्रचारक वशिष्ठ बुजरबरुआ और अन्य पदाधिकारीगण उपस्थित रहे.

सरकार्यवाह जी ने विद्यालय और छात्रावास का अवलोकन किया. वहाँ की व्यवस्थाओं की सराहना की. उन्होंने छात्रों और विद्यालय के कार्यकर्ताओं के साथ संवाद किया और शिक्षा के साथ संस्कारों के महत्व पर बल दिया. इस अवसर पर विद्यालय प्रबंध समिति के कार्यकर्ता भी उपस्थित रहे.