विश्व हिन्दू परिषद के केन्द्रीय संयुक्त महामंत्री डॉ. सुरेंद्र जैन ने कहा कि कांग्रेस में बचे हिन्दुओं को राहुल गांधी की हिन्दू द्रोही मानसिकता से सावधान रहना चाहिए. श्री राम जन्मभूमि आंदोलन के संबंध में राहुल गांधी का ताजा बयान झूठ का एक और पुलिंदा है तथा हिन्दुओं के प्रति घृणा से भरा हुआ है. श्री आडवाणी जी द्वारा निकाली गई रथ यात्रा का संपूर्ण संघर्ष में एक महत्वपूर्ण योगदान है. परंतु, राहुल जी का यह कहना कि राम जन्मभूमि का संघर्ष इस यात्रा से शुरू हुआ, उनकी अज्ञानता का परिचय देता है.
जन्मभूमि के लिए हिन्दुओं का संघर्ष 1528 से ही शुरू हो गया था, जब आक्रांता बाबर ने राम जन्मभूमि पर स्थित रामलला के पावन मंदिर को तोड़ा था. माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 2019 में निर्णय सुनाए जाने तक संपूर्ण देश के राम भक्त निरंतर संघर्षरत रहे.
आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने फिर एक बार हिन्दू समाज का अपमान किया है, जिसने कभी विदेशी आक्रमणों के समक्ष घुटने नहीं टेके. राहुल गांधी ने भुलाने का षड्यंत्र किया है गुरु नानक देव, गुरु तेग बहादुर और गुरु गोविंद सिंह जी के अमर योगदान को, जो अयोध्या पधारे थे. उनकी स्मृति में बने गुरुद्वारों में आज भी लाखों श्रद्धालु जाकर अपने आप को धन्य समझते हैं. राहुल गांधी ने अपमानित किया है उन लाखों बलिदानियों को जिन्होंने राम जन्मभूमि को मुक्त करने के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है. उन 60 करोड़ राम भक्तों के योगदान को भी अपमानित किया है, जिन्होंने राम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण के लिए खुले दिल से योगदान दिया था. महंत दिग्विजय नाथ, महंत अवैद्यनाथ, महंत रामचंद्र परमहंस, अशोक सिंघल जैसे महापुरुषों के योगदान को राहुल गांधी भुलाना चाहते हैं जो कभी संभव नहीं है. इन सब के प्रति हिन्दू समाज हमेशा कृतज्ञ रहेगा.
वह व्यक्ति इस कृतज्ञता को नहीं समझ सकता, जिसकी परंपरा देश के विकास में योगदान देने वाले महापुरुषों की अपमानित करने की रही है.
हिन्दुओं के प्रति कितनी नफरत भरी है, उनके इन बयानों से स्पष्ट हो जाता है. फैजाबाद में सपा उम्मीदवार की विजय का विश्लेषण हो सकता है. लेकिन बार-बार अयोध्या वासियों को निशाने पर लेना किसी भी तरह उचित नहीं है. उन्हें ध्यान रखना चाहिए कि संघर्ष के हर पड़ाव का केंद्र बिंदु अयोध्या ही रहा है. अयोध्यावासियों का योगदान कभी भी भुलाया नहीं जा सकता.
हिन्दू को अपमानित करने का जो मकड़ जाल वे बुन रहे हैं, उसमें वे ही फसेंगे. हिन्दू समाज बार-बार किये जा रहे इस अपमान को कभी नहीं भूल सकता. इसका परिणाम राहुल और उनकी कांग्रेस को भुगतना ही पड़ेगा.