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केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया मध्यस्थों को डीपफेक की पहचान को लेकर परामर्श जारी किया

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केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया मध्यस्थों द्वारा अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के उपयोगकर्ताओं (यूजरों) को किसी अन्य व्यक्ति की नकल करने वाली किसी भी जानकारी को होस्ट, प्रदर्शित, अपलोड, संशोधित, प्रकाशित, प्रसारित, स्टोर, अपडेट या साझा न करने देने के लिए उचित प्रयास करने हेतू परामर्श जारी किया, केंद्र सरकार ने कहा –

– सुनिश्चित करें कि उचित सावधानी बरती जाए और गलत सूचना तथा डीपफेक की पहचान करने के लिए उचित प्रयास किए जाएं और विशेष रूप से ऐसी जानकारी जो नियमों और विनियमों या उपयोगकर्ता समझौतों के प्रावधानों का उल्लंघन करती है और

– ऐसे मामलों पर आईटी नियम 2021 के तहत निर्धारित समय सीमा के भीतर शीघ्र कार्रवाई की जाए, और

– उपयोगकर्ताओं से ऐसी जानकारी/सामग्री/डीपफेक को होस्ट नहीं करने के लिए कहा जाए

– ऐसी किसी भी सामग्री की रिपोर्ट किए जाने के 36 घंटे के भीतर उसे हटा दें

– आईटी नियम 2021 के अंतर्गत निर्धारित समय सीमा के भीतर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करें और सामग्री/सूचना तक पहुंच (एक्सेस) को अक्षम करें.

सरकार ने मध्यस्थों को चेताया कि आईटी अधिनियम और नियमों के प्रासंगिक प्रावधानों के अनुसार कार्य करने में कोई भी विफलता आईटी नियम, 2021 के नियम 7 को आकर्षित करेगी और संगठन को सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 79(1) के अन्तर्गत उपलब्ध सुरक्षा गंवाने के लिए उत्तरदायी बना सकती है.