- गुरु के चरणों में मत्था टेकने के लिए देश-विदेश से करीब 20 लाख श्रद्धालु पहुंचने वाले हैं। जयंती समारोह 12 फरवरी को आयोजित होगा, जिसमें तीन लाख से अधिक श्रद्धालु शामिल होंगे।
- संत रविदास जयंती के लिए सीरगोवर्धन में भव्य टेंट सिटी बनाई जा रही है। करीब 100 टेंट, जिनमें जर्मन हैंगर टेंट भी शामिल हैं, श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए तैयार किए जा रहे हैं।
वाराणसी। काशी स्थित संत रविदास की जन्मस्थली सीरगोवर्धन में इस बार संत रविदास जयंती के अवसर पर भव्य आयोजन की तैयारियां जोरों पर हैं। गुरु के चरणों में मत्था टेकने के लिए देश-विदेश से करीब 20 लाख श्रद्धालु पहुंचने वाले हैं। जयंती समारोह 12 फरवरी को आयोजित होगा, जिसमें तीन लाख से अधिक श्रद्धालु शामिल होंगे।
गुरु के धाम में भव्य तैयारियां -
संत रविदास जयंती के लिए सीरगोवर्धन में भव्य टेंट सिटी बनाई जा रही है। करीब 100 टेंट, जिनमें जर्मन हैंगर टेंट भी शामिल हैं, श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए तैयार किए जा रहे हैं। मंदिर प्रशासन ने बताया कि 70% काम पूरा हो चुका है और बाकी व्यवस्था अगले कुछ दिनों में पूरी कर ली जाएगी। भंडारे के लिए पंजाब से दो ट्रक चावल और गेहूं पहुंच चुके हैं, जबकि अन्य खाद्यान्न भी जल्द आ जाएगा।
मंदिर के मैनेजर हरपाल सिंह ने बताया कि आम से लेकर खास तक के लिए ठहरने और लंगर की विशेष व्यवस्था की जा रही है।
विदेशों और राज्यों से पहुंचेगी श्रद्धालुओं की भीड़ -
संत रविदास के अनुयायी अमेरिका, लंदन, ऑस्ट्रेलिया, दुबई, कनाडा, फ्रांस और थाईलैंड जैसे देशों से काशी पहुंचेंगे। इसके अलावा, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, बिहार, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मध्यप्रदेश जैसे राज्यों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु आने वाले हैं।
बेगमपुरा एक्सप्रेस से पहुंचेगा पहला जत्था -
संत रविदास जन्मस्थान पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट के ट्रस्टी केएल सरोबा ने बताया कि 1 फरवरी को पंजाब से बेगमपुरा एक्सप्रेस के जरिए पहला जत्था आएगा। 10 फरवरी को ट्रस्ट के चेयरमैन संत निरंजन दास महाराज दो हजार से अधिक अनुयायियों के साथ काशी पहुंचेंगे।
प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को भेजा जाएगा निमंत्रण -
मंदिर प्रशासन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अन्य मंत्रियों को जयंती समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित करने की योजना बनाई है। इस अवसर पर राजनीतिक दलों के कई नेता और एक हजार से अधिक एनआरआई भी गुरु के दर्शन-पूजन के लिए आएंगे।
भक्ति और सेवा का संगम -
संत रविदास जयंती के दौरान गुरु के अनुयायियों की यह यात्रा केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि उनके प्रति असीम श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक है। सीरगोवर्धन में लाखों श्रद्धालुओं का यह संगम भक्ति, सेवा और सामाजिक समरसता का अद्वितीय उदाहरण बनेगा।