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ग्रामीण माध्यमिक विद्यालयों में डिजिटल लर्निंग को मिलेगा बढ़ावा, सभी स्कूलों में होगी ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी

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ग्रामीण माध्यमिक विद्यालयों में डिजिटल लर्निंग को मिलेगा बढ़ावा, सभी स्कूलों में होगी ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी  

  • - इससे प्रदेश के 2400 से अधिक राजकीय माध्यमिक विद्यालयों को लाभ मिलेगा और डिजिटल लर्निंग एवं प्रशासनिक कार्यों में क्रांतिकारी बदलाव आएगा
  • - बजट में भारत नेट परियोजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों के सभी सरकारी माध्यमिक विद्यालयों को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी से जोड़ने की योजना बनाई गई है

लखनऊ:केंद्र सरकार ने बजट 2025 में ग्रामीण माध्यमिक विद्यालयों को डिजिटल युग से जोड़ने के लिए ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी देने की घोषणा की है। इससे प्रदेश के 2400 से अधिक राजकीय माध्यमिक विद्यालयों को लाभ मिलेगा और डिजिटल लर्निंग एवं प्रशासनिक कार्यों में क्रांतिकारी बदलाव आएगा।  

ग्रामीण स्कूलों में स्मार्ट क्लास और ऑनलाइन पढ़ाई को मिलेगा बढ़ावा-  

बजट में भारत नेट परियोजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों के सभी सरकारी माध्यमिक विद्यालयों को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी से जोड़ने की योजना बनाई गई है। इससे विद्यालयों में स्मार्ट क्लास, ऑनलाइन पढ़ाई, यू-ट्यूब सेशन, अत्याधुनिक लैब संचालन को बढ़ावा मिलेगा। वर्तमान में अधिकांश सरकारी विद्यालयों में इंटरनेट की सुविधा बेहद सीमित है, जिससे डिजिटल शिक्षा प्रभावित हो रही है।  

शिक्षकों और छात्रों को होगा सीधा लाभ-  

अभी तक कई विद्यालयों में प्रधानाचार्य या शिक्षक अपनी व्यक्तिगत इंटरनेट सुविधा का इस्तेमाल कर कार्य निपटाते थे, जिससे ऑनलाइन पढ़ाई और प्रशासनिक कार्यों में बाधा आती थी। ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी मिलने से शिक्षकों और छात्रों दोनों को लाभ होगा, जिससे डिजिटल माध्यम से पढ़ाई को बढ़ावा मिलेगा और तकनीकी संसाधनों का समुचित उपयोग हो सकेगा।  

ऑनलाइन प्रशासनिक कार्यों में आएगी पारदर्शिता-  

इंटरनेट सुविधा उपलब्ध होने से विद्यालयों के प्रशासनिक कार्य ऑनलाइन होंगे। इससे न केवल फाइलों के बोझ को कम किया जा सकेगा, बल्कि मुख्यालय और निदेशालय को ऑनलाइन रिपोर्टिंग आसान होगी। इससे शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ेगी।  

समग्र शिक्षा के अपर राज्य परियोजना निदेशक विष्णुकांत पांडेय ने इस पहल को राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाला कदम बताया। वहीं, राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष रामेश्वर प्रसाद पांडेय ने कहा कि सरकारी विद्यालयों में संसाधनों की कमी के कारण शिक्षक स्वयं इंटरनेट की व्यवस्था कर कार्य कर रहे हैं। ऐसे में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी बेहद उपयोगी सिद्ध होगी।  

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और अस्पतालों का भी होगा डिजिटलाइजेशन-  

बजट में प्रदेश के 3500 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (PHC) और अस्पतालों को भी डिजिटल रूप से सशक्त बनाने की योजना बनाई गई है।  

  • ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी से बायोमेट्रिक अटेंडेंस, ऑनलाइन दवाओं का रिकॉर्ड, टीकाकरण संबंधी निर्देश और आंकड़ों का तत्काल अपडेट संभव होगा।  
  •  अभी तक इंटरनेट सुविधा न होने के कारण कर्मचारी अपने मोबाइल डेटा का प्रयोग कर रहे थे, लेकिन अब यह समस्या दूर होगी।  

डिजिटल युग की ओर बढ़ता शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र-  

केंद्र सरकार की इस योजना से ग्रामीण शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था को आधुनिक बनाया जाएगा। डिजिटल सुविधाएं मिलने से सरकारी विद्यालयों और अस्पतालों में कार्यक्षमता और गुणवत्ता में सुधार होगा। यह डिजिटल इंडिया अभियान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे प्रदेश के लाखों छात्र और नागरिक लाभान्वित होंगे।