राष्ट्रीय स्वयंसवेक संघ मध्यक्षेत्र का ‘कार्यकर्ता विकास वर्ग-1’ शारदा विहार परिसर में प्रारंभ हुआ. वर्ग के उद्घाटन में क्षेत्र प्रचारक स्वप्निल कुलकर्णी ने कहा कि संघ व्यक्ति निर्माण का कार्य करता है. समाज जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में ऐसे निष्ठावान लोग खड़े होने चाहिए, जिनको देखकर अन्य लोग सीख लें. इसलिए हम कह सकते हैं कि संघ का सबसे बड़ा कार्य – ‘समाज में उदाहरण खड़े करना है’. मंच पर वर्ग के सर्वाधिकारी सोमकांत उमालकर भी उपस्थित थे. कार्यकर्ता विकास वर्ग में छत्तीसगढ़, महाकौशल, मालवा और मध्यभारत के कुल 382 स्वयंसेवक प्रशिक्षण प्राप्त करने आए हैं.
क्षेत्र प्रचारक ने कहा कि देशभक्ति, त्याग और समर्पण की भावना के साथ हम राष्ट्रीय कार्य में जुड़ते हैं. इस कार्य को करने की कुशलता प्राप्त करने के लिए वर्गों का आयोजन करने की परंपरा है. सही अर्थों में कुशलता का नाम ही वर्ग है. संघ के वर्ग में कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण औपचारिक एवं अनौपचारिक ढंग से होता है. हम यहाँ के पाठ्यक्रम के साथ ही एक-दूसरे से भी सीखते हैं. प्रशिक्षण प्राप्त करते समय हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि यह प्रशिक्षण स्वयं के व्यक्तित्व विकास के साथ-साथ अपने कार्यक्षेत्र में संघ कार्य विस्तार के लिए उपयोगी है. हम यहाँ जो कुशलता प्राप्त करेंगे, उसका उपयोग संघ कार्य के विस्तार में करना है. पुरुषार्थी कार्यकर्ताओं ने भावनाओं के साथ कुशलता से कार्य किया, तब जाकर आज संघ हमें विराट स्वरूप में दिखायी देता है.
उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण वर्ग से कार्यकर्ताओं में नेतृत्व क्षमता का विकास होता है. वर्ग में कार्यकर्ता हिन्दू समाज को मिलने वाली चुनौतियों का सामना करने और सज्जनशक्ति को राष्ट्रीय कार्य में साथ लेने का कौशल सीखते हैं. आज देश में ऐसी ताकतें सक्रिय हैं, जो हिन्दू समाज को विखंडित करने के प्रयास में लगी हुईं हैं. वे हमें जाति, पंथ, स्त्री-पुरुष इत्यादि प्रकार के भेदों में बाँटने के लिए वैचारिक भ्रम उत्पन्न करते हैं. उन्होंने कहा कि विविधता हमारी कमजोरी नहीं अपितु हमारी विशेषता रही है. परंतु औपनिवेशिक ताकतों ने हमारे बीच विविधता को आधार बनाकर द्वेष और भेद उत्पन्न करने के षड्यंत्र रचे हैं. हमें इन षड्यंत्रों के प्रति जागरूक होना है और अपने समाज को भी जागरूक करना है. हमारा समाज अनेक प्रकार की विविधताओं के होते हुए भी एक साथ रहता है. हमारे यहाँ एक-दूसरे पर एक-दूसरे की उपासना पद्धति को थोपा नहीं गया.
उन्होंने कहा कि डॉक्टर साहब (संघ के संस्थापक सरसंघचालक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार) के समय से कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण के लिए संघ शिक्षा वर्ग आयोजित करने की परंपरा शुरू हुई. अब तक क्षेत्र का यह वर्ग ‘संघ शिक्षा वर्ग-द्वितीय वर्ष’ के नाम से आयोजित होता था, लेकिन अब यह ‘कार्यकर्ता विकास वर्ग-1’ के नाम से आयोजित होगा. उन्होंने 1940 में नागपुर में आयोजित ऐतिहासिक संघ शिक्षा वर्ग का भी उल्लेख किया, जिसमें पहली बार संपूर्ण भारत से स्वयंसेवक प्रशिक्षण हेतु शामिल हुए थे.
समर्पित कार्यकर्ताओं के जीवन पर आधारित प्रदर्शनी का उद्घाटन
संघ कार्य में अपना जीवन समर्पित करने वाले कार्यकर्ताओं के जीवन पर आधारित प्रदर्शनी ‘तेजोमय प्रतिबिम्ब तुम्हारे…’ का आयोजन किया गया है. क्षेत्र प्रचारक स्वप्निल कुलकर्णी और सर्वाधिकारी सोमकांत उमालकर सहित अन्य अतिथियों ने प्रदर्शनी का उद्घाटन किया. यहाँ भारतीय ज्ञान के स्रोत सद्ग्रंथों को भी प्रदर्शित किया गया है, जिनमें चारों वेद, पुराण, स्मृतियां, संहिताओं सहित रामायण एवं महाभारत शामिल है.