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“राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ” के नाम का गलत इस्तेमाल कर चल रहा अभियान, रहें सचेत, समझें क्या है पूरा मामला

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नई दिल्ली: “राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ” के नाम का गलत इस्तेमाल कर अभियान चलाया जा रहा है। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ है, इसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नाम से बैनर लगाया गया है और कुछ लोग प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे हैं। इसका वीडियो फुटेज लोग वायरल कर रहे हैं। इसमें कह रहे हैं कि देशभर में आरएसएस ने इंडिया गठबंधन को समर्थन दिया है। इंडिया गठबंधन के पक्ष में वोट करने की अपील की गई है। यह भी लिखा कि संघ ने भरी हुंकार, उखाड़ फेंको मोदी सरकार।

यह वीडियो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से नहीं जुड़ा हुआ है। जनार्दन मून द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नाम का गलत इस्तेमाल कर अभियान चलाया जा रहा है। इसकी सच्चाई इन बिंदुओं से समझें

1. जनार्दन पुत्र गुलाबराव मून ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सोसायटी के पंजीकरण के लिए सहायक रजिस्ट्रार ऑफ सोसाइटीज, नागपुर को आवेदन किया ( संख्या 615/2017), जो 4/10 2017 को खारिज हुआ

2. फिर उन्होंने उसी के लिए बॉम्बे उच्च न्यायालय, महाराष्ट्र की नागपुर पीठ में रिट याचिका दायर की। लेकिन इसे 21 जनवरी 2019 को माननीय उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया।

3. उसी व्यक्ति ने फिर से सर्वोच्च न्यायालय में एसएलपी लागू किया। लेकिन यहां सीजेआई माननीय न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली एससी पीठ ने 6 दिसंबर 2019 को पहली सुनवाई में इसे खारिज कर दिया

4. वह अभी भी लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है।

इस पर लोग चिंता जता रहे हैं। उनका कहना है कि यह बहुत चिंताजनक है। इस संबंध में AI का दुरुपयोग हुआ है अथवा नहीं इसकी जांच भी जरूरी है। लोगों ने आग्रह किया है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पूरे विश्व भर के शुभचिंतक और स्वयंसेवकों को इस संबंध में सचेत करे।