अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद बैठक 7-9 जून को सूरत में संपन्न हुई, जिसमें विद्यार्थी परिषद ने विभिन्न विषयों पर महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की बैठक में परीक्षाओं के कुप्रबंधन और संस्थागत मूल्यांकन पर उठ रहे प्रश्नों का निवारण आवश्यक, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रभावी क्रियान्वयन को दी जाए प्राथमिकता, शैक्षिक संस्थानों में युगानुकूल अधोसंरचना निर्माण व वित्तीय पोषण बने अभियान, विकसित भारत में युवाओं की हो भागीदारी और नवनिर्वाचित भारत सरकार से जन-अपेक्षाएं जैसे पांच प्रमुख विषयों पर प्रस्ताव पारित किए गए.
अभाविप के आह्वान पर नीट-यूजी 2024 में अनियमितता के आरोपों पर भारत के सभी जिलों व प्रमुख शैक्षिक संस्थानों में अध्ययनरत कार्यकर्ताओं द्वारा राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन किया.
छात्रों की उपस्थिति दर परिसरों में लगातार कम हो रही है, इसे लेकर विद्यार्थी परिषद देशभर में “परिसर चलो अभियान” चलाएगी और यह अभियान दो-चरणों में पूर्ण किया जाएगा. विद्यार्थी परिषद अभियान से यह प्रयास करेगी कि शिक्षा क्षेत्र में विद्यार्थियों के साथ जो अन्य हितधारक हैं, उनकी भी सहभागिता सुनिश्चित कर परिसर को जीवंतता का केन्द्र बनाया जा सके. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, दिल्ली में सितंबर महीने के अन्तिम तथा अक्तूबर महीने के पहले सप्ताह के मध्य छात्रा, जनजातीय तथा पूर्वोत्तर छात्र नेता संसद आयोजित करेगी.
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री ने प्रेस वार्ता में कहा कि विद्यार्थी परिषद, सतत रचनात्मक प्रयासों के माध्यम से देश के शिक्षा क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव हेतु कार्यरत है. राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद बैठक में वर्तमान की आवश्यकता के अनुरूप सुधार को लेकर वृहद चर्चा की गई.
नीट की परीक्षा में जो अनियमितता के आरोप लग रहे हैं, उसके संदर्भ में विद्यार्थी परिषद ने देश के अलग-अलग हिस्सों में प्रदर्शन किया है. विद्यार्थी परिषद लंबे समय से मांग कर रही है कि ‘किसी भी परीक्षा में पारदर्शिता के साथ समझौता नहीं होना चाहिए’. चूंकि नीट परीक्षाओं को लेकर छात्रों के मन में संशय है, इसलिए यह बहुत आवश्यक हो गया है कि उसकी सीबीआई जांच कराकर दोषियों पर उचित दण्डात्मक कार्रवाई की जाए.