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बदरीनाथ धाम में पहली बार संघ का पथ संचलन

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नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे प्रार्थना, भारत माता के जयकारों से गूंजा मंदिर

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 100 वर्ष पूरे होने पर स्वयंसेवको में अलग ही उत्साह देखने को मिल रहा है। साथ ही साथ शताब्दी वर्ष पर पूरे देश में अलग-अलग जगहों पर पथ संचलन और विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसी क्रम में पहली बार बदरीनाथ धाम में भी भव्य पथ संचलन का आयोजन हुआ। बता दें, शरद पूर्णिमा पर स्वामीनारायण मंदिर से पथ संचलन की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन, ध्वजारोहण और “नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे” प्रार्थना के साथ हुई।


इसके बाद 300 से अधिक स्वयंसेवक गणवेश में, “वंदे मातरम” और “भारत माता की जय” के नारों के साथ बदरीनाथ धाम के सिंह द्वार तक पहुँचे। वहाँ संचलन का समापन हुआ और सभी स्वयंसेवकों ने मंदिर में दर्शन किए। वही प्रांत प्रचारक डॉ. शैलेन्द्र ने अपने संबोधन में कहा कि सनातन संस्कृति की यही शक्ति है कि आज संघ की शाखाएँ विश्व के 60 देशों में सक्रिय हैं। संघ व्यक्ति-आधारित नहीं है, बल्कि सबको साथ लेकर चलने और सह-अस्तित्व पर आधारित है। उन्होंने कहा कि अतीत में हिन्दू समाज संगठित नहीं था, इसलिए देश को गुलामी झेलनी पड़ी। आज समाज की एकता के लिए अस्पृश्यता को पूरी तरह मिटाना होगा। बता दें इस मौके पर बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी, महात्मा अमित दास महाराज, जिला प्रचारक मिथिलेश और अतुल शाह सहित कई लोग मौजूद रहे।