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बरेली में उत्तरायणी मेले में दिखी उत्तराखंड की झलक

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- उत्तरायणी मेले की शुरुआत रंगयात्रा के साथ हुई। सबसे पहले उत्तराखंड के कलाकारों ने पारंपरिक परिधान में सज-धजकर रंगयात्रा निकाली।

- रंगयात्रा शहर के प्रमुख मार्गों से होती हुई मेला स्थल पहुंची। इसमें शामिल कलाकरों ने उत्तराखंड की संस्कृति के बिखेरे। उत्तराखंड का प्रसिद्ध छोलिया और शौका समाज का नृत्य आकर्षण का केंद्र रहा। 

बरेली। बरेली के उत्तरायणी मेला में उत्तराखंड की एक झलक देखने को मिली। गुरुवार को देवभूमि उत्तराखंड की संस्कृति के रंग बिखेरे गए। इसी रंगयात्रा के साथ उत्तरायणी मेला शुरू हो गया है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मेले का शुभारंभ किया। 

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बतौर मुख्य अतिथि दीप प्रज्ज्वलन कर उत्तरायणी मेले का शुभारंभ किया। पुष्कर धामी ने इस सांस्कृतिक आयोजन की सराहना की। उन्होंने कहा कि पिछले कई वर्षों से बरेली में आयोजित होने वाले इस मेले में आकर बहुत प्रसन्नता हो रही है। 

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि पिछले वर्षों में भी आने कि कोशिश की थी। बचपन में भी यहां आता था। पिछली बार छत्रपाल गंगवार के चुनाव में आया था। पदाधिकारियों ने अनुरोध किया था तब खुद से वादा किया था कि आना है और बरेली आकर ऐसा लग रहा है कि जैसे उत्तराखंड में ही हूं। 

उत्तरायणी मेले की शुरुआत रंगयात्रा के साथ हुई। सबसे पहले उत्तराखंड के कलाकारों ने पारंपरिक परिधान में सज-धजकर रंगयात्रा निकाली। रंगयात्रा में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। 

रंगयात्रा शहर के प्रमुख मार्गों से होती हुई मेला स्थल पहुंची। इसमें शामिल कलाकरों ने उत्तराखंड की संस्कृति के बिखेरे। उत्तराखंड का प्रसिद्ध छोलिया और शौका समाज का नृत्य आकर्षण का केंद्र रहा। 

रंगयात्रा को मेला स्थल पर विराम दिया गया। यहां उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधिवत उत्तरायणी मेले का शुभारंभ किया। उन्होंने लोगों को उत्तरायणी, मकर संक्रांति की अग्रिम शुभकामनाएं दीं। 

धामी ने कहा कि मेले सांस्कृतिक विरासत को आगे बढ़ाने का काम करते हैं। पूर्व में मेले ही एक दूसरे से मुलाकात का जरिया बनते थे। तब संचार की व्यवस्था नहीं थी। दुख-सुख साझा करते थे। 

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने कहा कि मेले में लोककला और प्रतिभा को भी मंच मिलता है। नई पीढ़ी भी जुड़ती है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था, कुटीर उद्योगों को भी लोकल से ग्लोबल होने का मौका मिलता है।