गोरखपुर कारागार में बंद महिला बंदी अब आत्मनिर्भर बन सकेंगी। इसके लिए जेल प्रशासन की ओर से एक नई पहल की शुरुआत हुई है। यहां जेल में बंद महिलाओं कैदियों को ब्यूटीशियन, जूलरी मेकिंग और टेराकोटा वर्क की ट्रेनिंग दी जा रही है।
जेल में बंद महिला कैदियों की पहले काउंसलिंग की गई है। काउंसलिंग में देखा गया कि महिला बंदियों का रुझान किस तरफ जा रहा है। इसके बाद ट्रेनिंग की शुरुआत की गई। यह ट्रेनिंग 3 महीने चलेगी। इस दौरान महिलाओं को टेराकोटा वर्क ब्यूटीशियन और टेराकोटा की ज्वेलरी बनाना सिखाया जाएगा। इनसे महिला कैदी आत्मनिर्भर हो सकेंगी और जेल के अंदर रहकर भी वह इसे अपने कमाई का जरिया इसे बना सकेंगी।गोरखपुर जेल में बंद महिलाओं में से कुछ ऐसी महिलाएं हैं जिनसे कोई मिलने नहीं आता। कुछ गरीब तबके की महिलाएं हैं जिन्हें अपना खर्चा चलाने में समस्या होती है। ऐसे में इनका आतमीरभर होना इन महिलाओं की कमाई का जरिया बनेगा। इन महिलाओं के जेल से छूटने के बाद भी इन्हें इस काम के जरिए बाहर रोजगार मिल सकेगा।