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अयोध्या, वाराणसी और नैमिषारण्य में होगा हेलीपोर्ट का संचालन

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उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने पर्यटन गतिविधियों को बढ़ाने के उद्देश्य से तीन धार्मिक स्थलों पर हेलीकॉप्टर सेवा शुरू करने के लिए जमीन का आवंटन करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. पर्यटन विभाग ने अयोध्या, वाराणसी एवं नैमिषारण्य में हेलीकाप्टर सेवा के लिए जमीन चिन्हित कर लिया है. इन तीनों ही जगह पर हेलीकॉप्टर सेवा की शुरुआत का विकास एवं संचालन निजी निवेशकों के माध्यम से कराए जाने का निर्णय लिया है. यह जानकारी उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी

उन्होंने बताया कि पीपीपी मोड पर दिये जाने वाले हेलीपोर्टों के लिए जमीन चिन्हित कर ली गयी है। इसमें डोमरी, वाराणसी स्थित पर्यटन विभाग की 31590 वर्ग मीटर, चौधरी चरण सिंह घाट, अयोध्या स्थित पर्यटन विभाग की 3600 वर्ग मीटर तथा मिश्रिख-नीमसार सीतापुर, स्थित पर्यटन विभाग की 20000 वर्ग मीटर भूमि उपलब्ध कराई जायेगी। जनपद वाराणसी, अयोध्या तथा नैमिषारण्य को महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय गन्तव्य स्थल के रूप में स्थापित किये जाने के लिए जनसुविधाओं का विकास, अवस्थापना सुविधाओं का आधुनिकीकरण एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के पर्यटन सुविधाओं के सृजन पर विशेष जोर दिया जा रहा है।


पर्यटन मंत्री ने बताया कि जनपद वाराणसी में काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर के विकास एवं विस्तारीकरण से पर्यटकों के आवागमन में कई गुना वृद्धि हुई है। जनपद अयोध्या में भगवान श्रीरामचन्द्र जी के भव्य मंदिर निर्माण के उपरान्त देश एवं विदेश से भारी संख्या में श्रद्धालुओं और पर्यटकों के अयोध्या भ्रमण हेतु आगमन संभावित है। इसी प्रकार 88000 ऋषि मुनियों की तपोस्थली नैमिषारण्य धार्मिक व सांस्कृतिक पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित किये जाने के लिए पर्यटन अवस्थापना सुविधाओं के विकास का मास्टर प्लान तैयार किया गया है। प्रदेश सरकार द्वारा नैमिषारण्य तीर्थ विकास परिषद का गठन किया गया है। नैमिषारण्य आने वाले पर्यटकों की संख्या में वर्ष 2021 के सापेक्ष वर्ष 2022 में चार गुना बढ़ोत्तरी हुई है।