उत्तराखण्ड
उत्तराखंड में गांवों से पलायन ऐसा विषय है, जिसने सरकार के लिए चिंता और चुनौती, दोनों बढ़ाई हुई हैं। इसे देखते हुए सरकार ने गांवों के विकास पर ध्यान केंद्रित करने की ठानी है, साथ ही अन्य राज्यों में राह रहे प्रवासियों की घर वापसी पर भी जोर दिया जा रहा है। इसी क्रम में जो प्रवासी घर लौटे हैं, वे क्या कर रहे हैं, इसे लेकर इन दिनों पलायन निवारण आयोग के माध्यम से सर्वे चल रहा है।
उत्तराखंड राज्य अपनी सुंदरता और संस्कृति के लिए जाना जाता है। लेकिन गांवों से लगातार हो रहा पलायन यहां के लिए एक बड़ी समस्या बन गया था। क्योकि यहां के लोग रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी सुविधाओं की कमी के कारण अपने गांव छोड़ने को विवश थे, जो की सरकार के लिए भी एक चिंता का विषय बना गया था। लेकिन इस पर काम करते हुए पलायन को रोकने के लिए सरकार अब गांवों के विकास पर ध्यान दे रही है और जो लोग बाहर रह रहे हैं, उन्हें वापस गांव लाने के प्रयास भी कर रही है। लेकिन इसी बीच जो लोग वापिस गांव लौटे हैं, वो दूसरे लोगो के लिए उदाहरण बन रहे हैं। क्योंकि वे गांव लौटकर खाली नहीं बैठे हैं। अब वो लोग खेती, बागवानी, पशुपालन, दुकान, होटल, या प्रसंस्करण जैसे कई काम शुरू कर रहे हैं।
जिससे वे स्वयं आत्मनिर्भर बन और दूसरों को भी स्वरोजगार दे रहे हैं। जिससे तेजी से गांव का विकास हो रहा है। जो कि बहुत प्रशंसनीय है, बात करें पलायन निवारण आयोग द्वारा प्रस्तुत किये सर्वे की तो जानकारी के अनुसार सरकार गांव के विकास के लिए तरह-तरह की योजनांए चला रही है और, इसी कड़ी में गांव में पर्यटन बढ़ाने के लिए सरकार ने देश-विदेश में रह रहे प्रवासियों से संपर्क बढ़ाया है। इसमें कुछ प्रवासियों ने गांवों को गोद लेकर उनके विकास में सहायता करनी शुरू कर दी है। जिससे सीधा लाभ गांव की प्रगति में रहा है जिससे गांव वापस हर भरे हो रहे हैं, और लोग स्वरोजगार से जुड़ रहे हैं।