राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख प्रदीप जोशी जी ने कहा कि समाज को जाग्रत करना और उसे श्रेष्ठ कार्य के लिए प्रेरित करना पत्रकार का मुख्य कार्य है. स्वतंत्रता के पूर्व सभी पत्र-पत्रिकाओं ने देशवासियों में स्वंत्रता प्राप्ति की ललक को जगाया. वास्तव में मानवीय एकता और लोकमंगल ही पत्रकारिता का उद्देश्य है. वे देवर्षि नारद पत्रकारिता पुरस्कार वितरण समारोह में सम्बोधित कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानन्द और योगी अरविन्द ने स्पष्ट कहा था कि मानवीय एकता और विश्व कल्याण ही भारत का नियत कार्य है. भारत की यह नियति है, जिसे हर भारतीय को याद रखना चाहिए. निरंतर विदेशी आक्रमण के कारण हम गुलाम मानसिकता से ग्रस्त होकर आत्म-केंद्रित, आत्म-विस्मृत और असंगठित हो गए. यह परिस्थिति अब बदल रही है. भारत अब सुसंगठित और विकसित होने की दिशा में आगे बढ़ रहा है. आर्थिक और वैश्विक दृष्टि से तेजी से उभरता भारत विश्व को विस्मित कर रहा है
इससे पूर्व कार्यक्रम की प्रस्तावना रखते हुए विश्व संवाद केन्द्र के अध्यक्ष सुधीर पाठक ने कहा कि आद्य पत्रकार देवर्षि नारद के संवाद का उद्देश्य सदैव ही विश्व का कल्याण रहा है, इसलिए वे पत्रकारों के आदर्श हैं.
7 श्रेणियों में पुरस्कृत हुए पत्रकार
देवर्षि नारद पुरस्कार 2024 के अन्तर्गत 7 श्रेणियों में पत्रकारों को पुरस्कृत किया गया. प्रिंट मीडिया से महाराष्ट्र टाइम्स के पत्रकार मंदार मोरोणे, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से सुदर्शन न्यूज चैनल की पत्रकार स्नेहल जोशी, सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर श्रेणी से मनाली खंडेलवाल, वीडियो/फोटो जर्नलिस्ट श्रेणी से तरुण भारत के फोटो पत्रकार अनंत मुले, बच्चों के मासिक जागरण पत्रिका से जयंत मोडक, पोर्टल/वेबसाइट – द लाइव नागपुर के संस्थापक संपादक हिमांशु पंडित तथा सिटीजन जर्नलिस्ट श्रेणी से उमाशंकर श्रीनिवासन व डॉ. हर्षवर्धन कांबले को सम्मानित किया गया. पुरस्कार विजेताओं को शाल, श्रीफल, स्मृतिचिन्ह, प्रमाणपत्र और नगद राशि प्रदान की गई. कार्यक्रम का संचालन कु. रोहिणी कारा ने किया. सामूहिक वंदे मातरम से कार्यक्रम संपन्न हुआ.