• अनुवाद करें: |
मुख्य समाचार

पत्रकार को समाचार को रोचक बनाने के चक्कर में सत्यता को नहीं छिपाना चाहिए – सुनील आंबेकर

  • Share:

  • facebook
  • twitter
  • whatsapp

देश में एक मिशन के तौर पर हुआ था पत्रकारिता का शुभारंभ – मुख्यमंत्री नायब सैनी

पंचकूला. हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा कि देश में पत्रकारिता का शुभारंभ एक मिशन के तौर पर हुआ था. आजादी के आंदोलन में भी पत्रकारों ने सक्रिय भूमिका निभाई थी. आजादी के आंदोलन में जितने भी स्वतंत्रता सेनानी थे, उनमें से अधिकतर पत्रकारिता से जुड़े हुए थे. इसलिए ब्रिटिश काल में पत्रकारों को काफी प्रताड़ित किया जाता था और उन्हें तरह-तरह की यातनाएं दी जाती थी. लेकिन पत्रकारों ने इतनी प्रताड़ना के बाद भी हार नहीं मानी और निडरता के साथ आजादी के लिए आवाज उठाते रहे क्योंकि उनको यह प्रेरणा हमारी संस्कृति से मिली थी और देवर्षि नारद पत्रकारिता के प्रेरणा स्रोत हैं.


मुख्यमंत्री रविवार को विश्व संवाद केंद्र न्यास, हरियाणा द्वारा आदि पत्रकार देवर्षि नारद जयंती के उपलक्ष्य में पंचकूला में आयोजित राज्य स्तरीय 9वें पत्रकार सम्मान समारोह में संबोधित कर रहे थे.

कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्व संवाद केंद्र के अध्यक्ष मार्कण्डेय आहूजा ने की. मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर, विशिष्ट अतिथि टीवी एंकर श्रीवर्धन त्रिवेदी रहे.

नायब सैनी ने कहा कि अगर हम देवर्षि नारद के समय की पत्रकारिता की बात करें तो वह सकारात्मकता की पत्रकारिता करते थे. वह दोनों पक्षों की बात सुनकर सूक्ष्मता से विश्लेषण करने के बाद ही सूचना का आदान-प्रदान करते थे. लेकिन अब धीरे-धीरे पत्रकारिता का स्वरुप बदल रहा है. हमें देवर्षि नारद के जीवन से प्रेरणा लेते हुए संसाधनों के अभाव में भी सकारात्मक व राष्ट्रहित की पत्रकारिता कैसे की जा सकती है, यह सीखना चाहिए. मुख्यमंत्री ने विश्व संवाद केंद्र के प्रयासों की सहराहना करते हुए कहा कि विश्व संवाद केंद्र पत्रकारों के हित के लिए प्रयासरत है और यह पिछले 9 वर्षों से इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन कर पत्रकारों का मान-सम्मान बढ़ाने का काम कर रहा है.

मुख्य वक्ता सुनील आंबेकर ने कहा कि पत्रकारिता का क्षेत्र संख्या के हिसाब से भले ही बहुत छोटा है, लेकिन यह बहुत महत्वपूर्ण क्षेत्र है. पत्रकार को 24 घंटे सातों दिन सक्रिय रहना पड़ता है और स्वयं को अपडेट रखना पड़ता है. कोरोना जैसी महामारी में जब सब लोग घरों में कैद थे तो भी पत्रकारों ने अपनी जान जोखिम में डालकर अपनी जिम्मेदारी निभाई. पत्रकार सच्ची जानकारी समाज और राष्ट्र हित में सामने लाएं. पत्रकार लोकतंत्र के सजग प्रहरी हैं, जिनकी वजह से लोकतंत्र मजबूत होता है. उन्होंने कहा कि पत्रकार अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखकर बिना किसी स्वार्थ के समाचार देते हैं, उससे ही हमारा समाज जुड़ता है. उन्होंने कहा कि इसी माह की 25 तारीख को सारे देश ने आपातकाल के काले अध्याय को याद किया. बुरी घटनाओं को इसलिए भी याद करना चाहिए ताकि फिर राष्ट्र पर ऐसा आघात न हो. उन्होंने पत्रकारों से आह्वान किया कि पत्रकार को कभी भी समाचार को रोचक बनाने के लिए सत्यता को नहीं छिपाना चाहिए. समाचार को प्रकाशित करते समय समाज व राष्ट्रहित का ध्यान अवश्य रखना चाहिए.

पत्रकारिता व्यवसाय नहीं जीवन जीने की शैली

वरिष्ठ पत्रकार श्रीवर्धन ने कहा कि देवर्षि नारद हमेशा सही समय पर सही व्यक्ति तक सही सूचना पहुंचाते थे. इसलिए देवर्षि नारद पत्रकारों के प्रेरणा स्रोत हैं. पत्रकारिता के क्षेत्र में अंशकालिक पत्रकार का बहुत योगदान है. यदि अंशकालिक पत्रकार सही समय पर सही जानकारी अपने मीडिया संस्थान तक नहीं पहुंचाए तो कोई संस्थान धरातल के समाचार को अपने पाठकों व दर्शकों तक सम्प्रेषित नहीं कर पाएगा. इसलिए पत्रकारिता के क्षेत्र में कोई छोटा या बड़ा पत्रकार नहीं होता. हमें परिवर्तन से कभी घबराना नहीं चाहिए. परिवर्तन को अंगीकार करते हुए चुनौतियों का सामना करना चाहिए और बुराई को त्याग कर सत्यता को अपनाना चाहिए. पत्रकारिता व्यवसाय नहीं यह तो जीवन जीने की शैली है. इसलिए हमें स्वयं का विस्तार करते हुए इस क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहिए.

कार्यक्रम में उत्तर क्षेत्र प्रचार प्रमुख अनिल कुमार, समाज सेवक संतराम शर्मा, गोपाल तायल, राहुल राव, विश्व संवाद केंद्र के सचिव राजेश कुमार भी उपस्थित रहे. विश्व संवाद केंद्र के अध्यक्ष डॉ. मार्डकण्डेय आहूजा ने कार्यक्रम में पहुंचने पर सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया.