देश में ब्रॉडबैंड कनेक्शन और विमानों में संचार सुविधा को बेहतर करने के उद्देश्य से इसरो जल्द ही नया सैटेलाइट लॉंच करने वाला है. यह एक कम्युनिकेश सैटेलाइट होगा, जिससे पूरे देश सहित आसपास के क्षेत्रों में भी सहायता मिलेगी. विमान उड़ाते समय कॉमर्शियल पायलट ज्यादा बेहतर संचार स्थापित कर पाएंगे.
ISRO जल्द ही ऐसा सैटेलाइट भेजने वाला है, जिससे देश में ब्रॉडबैंड कनेक्शन और इन-फ्लाइट कनेक्टिविटी अधिक मजबूत हो जाएगी. न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) की ये दूसरी डिमांड-ड्रिवेन सैटेलाइट मिशन है. इस सैटेलाइट का नाम है जीसैट-एन2. यह Ka-Band का कम्युनिकेशन सैटेलाइट है.
इसके माध्यम से देश में ब्रॉडबैंड कनेक्शन अधिक ताकतवर होगा. साथ ही भारतीय प्रायद्वीप और उसके थोड़ा आसपास तक विमानों की कनेक्टिविटी बेहतर होगी. यानी उड़ान के समय पायलट ज्यादा बेहतर संचार स्थापित कर पाएंगे. NSIL इसरो का कॉमर्शियल विंग है, जो उसके लिए प्राइवेट और सरकारी सैटेलाइट लॉन्च डील करता है.
सैटेलाइट के लॉन्च होने के बाद देश के सुदूर क्षेत्रों (Remote Regions) में ब्रॉडबैंड इंटरनेट पहुंच जाएगा. जीसैट-एन2 का पुराना नाम जीसैट-20 है. इस सैटेलाइट का वजन 4700 किलोग्राम है. यह अंतरिक्ष में करीब 14 साल तक काम करेगा. इसमें 32 स्पॉट बीम्स हैं, जो किसी भी विशेष भौगोलिक क्षेत्र में सिग्नल ट्रांसमिट कर सकते हैं.
रिपोर्ट्स के अनुसार, इनमें 8 नैरो बीम हैं, जो उत्तर-पूर्वी राज्यों के लिए हैं. बाकी 24 बीम्स देश के बाकी हिस्सों के लिए हैं. ये 32 बीम्स सैटेलाइट में लगे 2.5 मीटर के रिफ्लेक्टर के जरिए ट्रांसमिट किए जाएंगे. Ka-Band कम्युनिकेशन पेलोड लगातार 48 जीबीपीएस का थ्रोपुट करेगा.
इसे अमेरिका SpaceX के फॉल्कन-9 रॉकेट से लॉन्च किया जाएगा. अभी इसकी टेस्टिंग पूरी की जा रही है. टेस्टिंग पूरी होने के बाद इसे जहाज से लॉन्च के लिए अमेरिका भेजा जाएगा. लॉन्चिंग अगले एक दो महीने में हो सकती है.