आगरा के धनोली सरोली रोड निवासी अनीता ई रिक्शा चलाकर अपने परिवार का भरण पोषण करती हैं। अनीता आत्मनिर्भता की ऐसी कहानी हैं जिसमें हौंसला भी है और उमंग भी। अनीता बताती हैं कि 10 साल पहले पति छोड़कर चला गया जिसके बाद से अनीता ही अपने चारों बच्चों की देख बहाल करने के साथ साथ नके लिए रोजी रोटी भी जुटाती हैं। अनीता लॉकडाउन में दाने दाने को मोहताज थीं। चार बच्चों की माँ अनीता ने हिम्मत नहीं हारी और आसपास के पड़ोसियों से पैसा उधार मांग कर एक ई-रिक्शा खरीद लिया। इसके बाद अपनी मेहनत के दम जिंदगी का रिक्शा खींच रहीं हैं। अनीता एक ऐसी स्वावलमबी माँ हैं जो अपने बच्चों का भी पूरा ध्यान रखती हैं और अपने मासूम से 3 साल के बेटे को अपने साथ ही रखती हैं।
दिन रात 3 साल के बटेट को साथ लिए ई रिक्शा चलाने वाली अनीता को कई बार मजबूरी में ई रिक्शे में पंचर जैसी कोई समस्या आने पर उससे भी खुद ही जूझना पड़ता है। आत्मनिर्भर अनीता के चेहरे पर जो संतोष है वह प्रत्येक महिला को अपने संकटों से उबरने का हौंसल देता है साथ ही निराश न होकर आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित भी करता है।