बरेली, उत्तर प्रदेश
बरेली में मो.आलम ने हिंदू नाम की आड़ में युवती से दोस्ती की, उसे झूठे रिश्तों और नकली वादों के जाल में फंसाया और फिर उसकी जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर डाला। यह घटना सिर्फ एक अपराध नहीं अपितु इस मानसिकता की पोल खोलती है जिसमें कट्टरपंथी मजहबी युवक फर्जी पहचान बनाकर भोली-भाली युवतियों को धोखा देने में जरा भी हिचकिचाते नहीं। आरोपी आलम ने खुद को प्रेम सिंह और अविवाहित बताकर युवती से नजदीकी बढ़ाई। धीरे-धीरे उसने शादी का झांसा देकर युवती से शारीरिक संबंध बनाए। कुछ समय बाद जब युवती को सच्चाई पता चली कि आलम पहले से शादीशुदा है और उसके दो बच्चे भी हैं, तो उसने सवाल किया। लेकिन आलम ने चालाकी से पत्नी को तलाक देने का झूठा वादा कर दिया। यही नहीं, जब युवती गर्भवती हुई तो उसने बेरहमी से उसका गर्भपात भी कराया। यह वह घिनौनी सच्चाई है, जो इस तरह के मामलों में बार-बार सामने आती है, जहाँ मजहबी पहले प्रेमजाल रचते हैं, फिर युवतियों का शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक शोषण करते हैं। और जब बात पीड़िता इस बात का विरोध करती है तो हिंसा, धमकी और जान लेने तक की नौबत आ जाती है। युवती ने साहस जुटाकर इज्जतनगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत कार्रवाई शुरू की और मात्र 24 घंटे के भीतर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। मुखबिर की सूचना पर 29 अगस्त को वैलयधाम पुल के पास से आलम को दबोचा गया। उसकी गिरफ्तारी प्रभारी निरीक्षक भजेन्द्र सिंह के नेतृत्व में हुई, जिसमें उपनिरीक्षक मुनेन्द्र सिंह और हेड कांस्टेबल सतीश बाबू की भूमिका अहम रही।