ऋषिकेश के गंगा रिसोर्ट में आयोजित अंतरराष्ट्रीय योग
महोत्सव 2023 का शुभारम्भ हो चुका है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, पर्यटन मंत्री सतपाल
महाराज, वन मंत्री सुबोध उनियाल, वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने संयुक्त रूप से उद्घाटन किया।1 मार्च से 7 मार्च तक आयोजित होने वाला योग
महोत्सव के लिए देश-विदेश से सैकड़ों योग गुरु और योग साधक पहुंचे हैं। ऋषिकेश में
हर साल अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव का आयोजन होता है। महोत्सव में योगाचार्य योग की
बारीकियों को सिखाएंगे। साथ ही मन की शांति और स्वस्थ शरीर के लिए भी टिप्स दिए
जाते हैं।
योग नगरी ऋषिकेश में अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव का
शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड देश की
सांस्कृतिक राजधानी ही नहीं अपितु योग और वेलनेस का उत्कृष्ट केंद्र भी है। इसलिए
राज्य सरकार प्रदेश में योग व वेलनेस केंद्रों का विकास करने के लिए निरंतर कार्य
कर रही है। योग हमारे प्रदेश की प्राचीनतम परंपरा है, योग के माध्यम से उत्तराखंड के लोगों को देश विदेश में नई पहचान मिली है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा योग के क्षेत्र में काम कर रहे
उत्तराखंड के लोगों को सम्मानित किया जाना समस्त प्रदेशवासियों के लिए सम्मान का
विषय है। यह हमारा सौभाग्य है कि इस अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव में पद्मश्री से
सम्मानित आदरणीय योगाचार्य स्वामी शिवानंद जी, रजनीकांत
जी का मार्गदर्शन प्राप्त हो रहा है। योग महोत्सव में आगंतुकों को जहां एक ओर योग, ध्यान और प्राणायाम की बारीकियों को सीखने का मौका मिलता है, वहीं दूसरी ओर वे नाड़ी परीक्षण और आयुर्वेद शिविरों के माध्यम से अपनी
समस्याओं का निःशुल्क समाधान भी पाते हैं।
अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह
धामी ने योग के क्षेत्र में सक्रिय योगाचार्यों को सम्मानित किया। इस दौरान
उन्होंने करीब 108 वर्षीय योगाचार्य पद्मश्री स्वामी शिवानदं, पद्मश्री रंजनीकांत आदि को सम्मानित किया।
01 से 07 मार्च तक गंगा रिजॉर्ट में आयोजित अंतरराष्ट्रीय
योग महोत्सव के पहले दिन सांध्यकालीन गंगा आरती के दौरान लाइट शो आकर्षण का केंद्र
रहा। ड्रोन के माध्यम से साधक और योगाचार्यों को भगवान शिव, ऊं, योग की विभिन्न क्रियाएं, गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ, बदरीनाथ समेत विभिन्न कलाकृतियों ने
साधक और योगाचार्यों को अपनी ओर आकर्षित किया। ड्रोन के माध्यम से गंगा नदी के ऊपर
एक के बाद कलाकृतियों को साधक, योगाचार्य और स्थानीय
लोगों ने अपने मोबाइल कैमरे में कैद किया। ड्रोन कैमरे से पहली बार महोत्सव में
लाइट शो हुआ।