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काफिरोफोबिया से बाहर निकल हिन्दू समाज पर हमलों से बाज आएं कट्टरपंथी – डॉ. सुरेन्द्र जैन

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नई दिल्ली.
देशभर में लगभग डेढ़ दर्जन से अधिक स्थानों पर श्री गणेश उत्सवों के आयोजनों पर हुए जिहादी हमलों से आहत विश्व हिन्दू परिषद ने चेतावनी दी कि इस्लामिक कट्टरपंथी काफिरोफोबिया से बाहर निकल कर हमारी धार्मिक यात्राओं व अन्य आयोजनों पर हमलों से बाज आएं. विश्व हिन्दू परिषद के केन्द्रीय संयुक्त महामंत्री डॉ. सुरेन्द्र जैन ने कहा कि गणपति विसर्जन के 18 से अधिक पवित्र कार्यक्रमों पर जिहादियों द्वारा हमले किए गए. कई जगह भगवान गणपति जी की प्रतिमा को खंडित करने का दुस्साहस भी किया गया. इससे पहले रामनवमी, महावीर जयंती तथा अन्य हिन्दू त्योहारों की शोभायात्राओं पर भी हमले किए गए. अब बहुत हो चुका है. अब इन्हें काफिरोफोबिया से बाहर निकलना चाहिए. इन्हें हिन्दुओं के सब्र की और परीक्षा नहीं लेना चाहिए.

कट्टरपंथी कहते हैं कि तथाकथित मुस्लिम मोहल्ला और मस्जिदों के सामने की सड़कों से हिन्दू शोभा यात्रा नहीं निकालनी चाहिए. इनको जवाब दिया था मद्रास उच्च न्यायालय ने. उन्होंने एक मामले में कहा था, “कुछ लोग सांप्रदायिक हो सकते हैं, देश की सड़क धर्मनिरपेक्ष है, जिसका सभी उपयोग करेंगे. अगर इसी तरह बाकी लोग भी सोचने लगे तो आप, जहां वे बहुमत में हैं, वहां अपने कार्यक्रम कैसे कर सकेंगे?” ओवैसी, मदनी और तौकीर जैसे सभी मुस्लिम नेताओं को माननीय उच्च न्यायालय की यह चेतावनी समझनी चाहिए. अपने समाज को भड़काना बंद करना चाहिए और हिन्दुओं को इस रास्ते पर चलने के लिए मजबूर नहीं करना चाहिए.

आप लोगों द्वारा फैलाई गई नफरत का ही परिणाम है कि कट्टरपंथियों की मानसिक विकृति के रोज नए-नए प्रकार देखने को मिल रहे हैं. लगभग 10 जगह अवरोध खड़े करके ट्रेनों को पलटने या दुर्घटना ग्रस्त करने के षड्यंत्र #TrainTrackTerror के रुप में सामने आ चुके हैं. कहीं जूस में पेशाब मिलाया जा रहा है तो कहीं रोटी सब्जी में थूका जा रहा है. कहीं वक्फ के नाम पर लैंड जिहाद हो रहा है. कहीं लव जिहाद के नाम पर हिन्दू कन्याओं को मौत के घाट उतारा जा रहा है. वोट जिहाद, जनसंख्या जिहाद, अवैध धर्मांतरण, घुसपैठ जिहाद और न जाने कितने प्रकार के जिहाद इजाद किया जा रहे हैं.

विहिप सभी मुस्लिम नेताओं को सलाह देती है कि वे अपने समाज को भड़काना बंद करें. पहले CAA के नाम पर भड़काया था, जिसका मुस्लिम समाज से कुछ लेना-देना नहीं था. अब वक्फ के नाम पर भड़का रहे हो, जबकि पूरी दुनिया जानती है कि वक्फ बोर्ड के नाम पर कुछ बड़े मुस्लिम नेताओं ने आम मुस्लिम समाज को सबसे अधिक लूटा है.

यह विकास का नहीं, विनाश का मार्ग है. मुस्लिम समाज से अपील है कि वे अपने भविष्य की चिंता स्वयं करें. गजनी, तैमूर, नादिर शाह, बाबर जैसे आक्रमणकारियों के वर्तमान अवतारों को छोड़ें और एपीजे जैसों के विकासवादी नेतृत्व को स्वीकार करें.