प्रयागराज। महाकुंभ के दौरान पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि ने पत्रकारों से बातचीत में सनातन धर्म के विस्तार और इसकी मूलभूत अवधारणाओं पर प्रकाश डाला। अंतरराष्ट्रीय सुर्खियों में आए कैलाशानंद गिरि ने कहा, "सारी दुनिया एक दिन सनातनी होगी, इसका समय आ चुका है।"
आचार्य कैलाशानंद गिरि हाल ही में एप्पल के सह-संस्थापक स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल जॉब्स को दीक्षा देने और शाही रथ पर एक टीवी मॉडल को बिठाने को लेकर चर्चा में हैं। उन्होंने सनातन धर्म, समाज में व्याप्त भेदभाव, और संतों की सादगी पर भी अपने विचार साझा किए।
विदेशियों में सनातन धर्म की रुचि -
आचार्य ने बताया कि महाकुंभ के दौरान लॉरेन पॉवेल जॉब्स ने सनातन धर्म को अपनाने में गहरी रुचि दिखाई।
• उन्होंने कहा, "लॉरेन आश्रम की बेटी जैसी है। उसने हमारे साथ चार दिन बिताए। वह सरल, सात्विक और जिज्ञासु है। उसने मुझसे पुण्य, परंपरा और गोत्र जैसे विषयों पर सवाल किए। उसे नाम और गोत्र देकर हमने दीक्षा दी।"
• लॉरेन फिलहाल अमेरिका में राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने गई हैं लेकिन भविष्य में हरिद्वार के आश्रम में आकर जीवनशैली को और करीब से जानने की इच्छा रखती हैं।
आचार्य ने कहा, "जिन विदेशियों को दीक्षा दी गई, वे तुरंत सनातनी नहीं हो सकते, लेकिन उन्होंने सही मार्ग चुना है। धीरे-धीरे वे सनातन धर्म को पूरी तरह आत्मसात कर लेंगे।"
सनातन धर्म: जाति और समाज पर विचार
जाति व्यवस्था को लेकर पूछे गए सवाल पर आचार्य ने स्पष्ट किया कि सनातन धर्म मानवीय भेदभाव को स्वीकार नहीं करता।
• उन्होंने कहा, "सनातन धर्म एक है। यह नारायण के शरीर से उत्पन्न हुआ है। कर्म और कर्तव्य का विभाजन हो सकता है, लेकिन उद्देश्य एक है। समाज को जाति के आधार पर बांटना हमारी परंपरा को कमजोर करता है।"
• शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद के विचारों पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा, "हमें सनातन धर्म को इसकी एकता के साथ देखना चाहिए। रामराज्य की तरह सारी दुनिया एक दिन सनातनी होगी।"
सादगी के साथ संतों की भव्यता -
संतों के जीवन में सादगी और अखाड़े की वैभवशाली व्यवस्था पर उन्होंने कहा:
• "यह गंगा की रेती पर बना है और यहीं छोड़ जाना है। साधु अगर मोह में बंधा होता, तो स्थायी निर्माण करा लेता। यह सब भक्तों का है। हमने तो केवल गायें और संतों का साथ लाया है।"
• रोजाना 40 लीटर दूध का इंतजाम और लाखों श्रद्धालुओं को भोजन कराना भक्तों की सेवा का हिस्सा है।
महाकुंभ में शाही रथ और मॉडल को लेकर विवाद -
पूर्व टीवी एंकर को शाही रथ पर लेकर जाने को लेकर उठे सवाल पर उन्होंने कहा, "कुंभ की परंपरा बहुत पुरानी है। लोग इसे देखना और समझना चाहते हैं। संन्यास का मार्ग कठिन है और इसमें समय लगता है। जो भी परिवर्तन के मार्ग पर है, उसे प्रेरणा मिलनी चाहिए।"
सनातन धर्म के वैश्विक प्रभाव पर विश्वास -
कैलाशानंद गिरि ने कहा कि सनातन धर्म की परंपराएं सार्वभौमिक हैं और दुनिया इसे समझने और अपनाने के लिए तैयार है।
• "पॉवेला जॉब्स जैसे लोग सनातन धर्म की ओर आकर्षित हो रहे हैं। यह दर्शाता है कि यह धर्म किसी एक स्थान या व्यक्ति तक सीमित नहीं है। एक बार इसे अपनाने के बाद, किसी को अन्य मार्गों में आनंद नहीं मिलेगा।"
आचार्य कैलाशानंद गिरि के विचार भारत के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक प्रभाव को वैश्विक स्तर पर फैलाने की क्षमता का संकेत देते हैं। उनका विश्वास है कि सनातन धर्म की शिक्षाएँ और जीवनशैली पूरी दुनिया में स्वीकार की जाएगी। महाकुंभ जैसे आयोजन इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।