आस्ट्रेलिया के सिडनी शहर में स्थित श्री वेंकटेश्वर मंदिर में सोमवार को हिन्दू श्रद्धालुओं का जैसे सैलाब उमड़ पड़ा। महाकुंभाभिषेकम के विशेष अनुष्ठान में भाग लेने के लिए देश के विभिन्न शहरों से ही नहीं, अपितु भारत, मलेशिया, मॉरीशस और सिंगापुर तक से तिरुपति बालाजी के भक्त इस शुभ अवसर पर एकत्रित हुए थे। अनुष्ठान को 15 वैदिक पुजारियों ने 20 हजार से अधिक भक्तों की उपस्थिति में सम्पन्न कराया। इस मंदिर का पुनरोद्धार कार्य जून 2022 में देवी देवताओं की सुंदर प्रतिमाओं को बनाने और परिसर की मरम्मत के साथ शुरू हुआ था। इस पर करीब 30 लाख डालर का व्यय किया गया। सैकड़ों स्थानीय भक्तों ने अपनी ओर से श्रमदान किया, साथ ही इस पर भारत से गए विशेषज्ञ शिल्पकारों और चित्रकारों ने अपनी कला का जादू बिखेरा है। ये श्रद्धालु हाल ही में जीर्णोद्धार के बाद निखरे इस हेलेंसबर्ग के श्री वेंकटेश्वर मंदिर में इस शुद्धि अनुष्ठान महाकुंभाभिषेकम में भाग लेकर खुद को धन्य मान रहे थे। यह इस मंदिर का एक पारंपरिक समारोह होता है। सिडनी का यह श्री वेंकटेश्वर मंदिर विश्व के इस हिस्से के सबसे बड़े और सबसे प्रसिद्ध हिंदू मंदिरों में से एक है। यहां इस श्री वेंकटेश्वर मंदिर का निर्माण 1978 में आगम शास्त्रों के अनुरूप शुरू हुआ था। जून 1985 में यह मंदिर भक्तों के लिए खोला गया था।
महाकुंभाभिषेकम (पवित्र जल द्वारा मंदिर का अभिषेक अनुष्ठान) के दौरान वैदिक पुजारियों द्वारा हवन किया गया।
यह मंदिर के पूरे परिसर की परिशुद्धि के लिए किया जाता है। पवित्र जल को सोने के पात्रों में भरकर मंदिर की छत से सब ओर छिड़का जाता है। इस मंदिर का पुनरोद्धार कार्य जून 2022 में देवी देवताओं की सुंदर प्रतिमाओं को बनाने और परिसर की मरम्मत के साथ शुरू हुआ था। इस पर करीब 30 लाख डालर का व्यय किया गया। सैकड़ों स्थानीय भक्तों ने अपनी ओर से श्रमदान किया, साथ ही इस पर भारत से गए विशेषज्ञ शिल्पकारों और चित्रकारों ने अपनी कला का जादू बिखेरा है। मान्यता है कि है कि महाकुंभाभिषेकम अनुष्ठान पूरे समाज में समृद्धि लाता है। आगम शास्त्रों के अनुसार, यह अनुष्ठान देवताओं की शक्ति का आह्वान करने के लिए किया जाता है।