मथुरा।
- परिक्रमा से अक्षय पुण्य की होती है प्राप्ति, जीवन के कष्टों का होता है नाश
- मथुरा में धार्मिक और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है मानव श्रृंखला
मथुरा में देवउठनी एकादशी के शुभ अवसर पर हजारों श्रद्धालुओं ने पंचकोषीय परिक्रमा मार्ग पर एकत्र होकर अद्भुत मानव श्रृंखला बनाई। इस परिक्रमा में "राधे-राधे" और "श्याम मिला दें" की गूंज चारों ओर सुनाई दे रही थी, जिससे संपूर्ण वातावरण भक्ति और आस्था से भर उठा।
पंचकोषीय परिक्रमा मार्ग, जो लगभग 21 किलोमीटर लंबा है, मथुरा के विभिन्न तीर्थ स्थलों से होकर गुजरता है। भक्त इस मार्ग पर पैदल परिक्रमा करते हैं, मान्यता है कि इस परिक्रमा से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है और जीवन के कष्टों का नाश होता है।
इस पावन दिन पर श्रद्धालुओं ने मानव श्रृंखला बनाकर सामूहिक भक्ति का एक अद्भुत दृश्य प्रस्तुत किया। इस परिक्रमा के दौरान भक्तजन भगवान कृष्ण और राधा रानी के प्रति अपनी आस्था प्रकट करते हुए कीर्तन, भजन और जयकारे लगाते रहे। इस आयोजन में बच्चों से लेकर वृद्धों तक सभी ने उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया।
पंचकोषीय परिक्रमा का यह आयोजन मथुरा में धार्मिक और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है, और भक्तों का मानना है कि इस पावन अवसर पर की गई परिक्रमा से उन्हें भगवान का आशीर्वाद प्राप्त होता है।