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उत्तराखंड का प्रमुख लोक पर्व इगास कल

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उत्तराखंड।

- सीएम ने कहा लोक संस्कृति और परंपराएँ हमारी देवभूमि की पहचान

- भाई-बहन के मजबूत रिश्ते और पारिवारिक प्रेम का प्रतीक है त्योहार

- इगास पर्व उत्तराखंड की संस्कारों और भाईचारे का प्रतीक


देवभूमि उत्तराखंड का प्रमुख लोक पर्व इगास कल, 14 नवंबर को मनाया जाएगा। यह पर्व खासतौर पर भाई-बहन के रिश्ते को प्रगाढ़ बनाने का प्रतीक है और उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर का अभिन्न हिस्सा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को इगास पर्व की शुभकामनाएं दी हैं और इस अवसर पर उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की लोक संस्कृति और परंपराएँ हमारी देवभूमि की पहचान हैं। 

मुख्यमंत्री ने अपने संदेश में यह भी कहा कि इगास पर्व भाई-बहन के बीच प्यार और स्नेह को बढ़ावा देता है। यह पर्व उत्तराखंड की लोक संस्कृति की समृद्धि और विविधता को दर्शाता है, और हमें अपने सांस्कृतिक मूल्यों को संजोते हुए आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। 

मुख्यमंत्री ने कहा "उत्तराखंड की लोक परंपराएँ हमारे सामाजिक ताने-बाने को मजबूत करती हैं और हमें हमारी सांस्कृतिक धरोहर को बनाए रखने की प्रेरणा देती हैं। इगास पर्व, जो भाई-बहन के रिश्ते को और भी पवित्र बनाता है, यह पर्व हमें एकजुटता, सौहार्द और प्रेम का संदेश देता है।" 

उन्होंने कहा "इस पर्व को मनाते समय हमें अपनी परंपराओं और सांस्कृतिक विरासत का सम्मान करना चाहिए, ताकि आने वाली पीढ़ियां भी इनका पालन करें और इनसे प्रेरणा लें।"


भाई-बहन का पर्व-

इगास पर्व पर भाई अपनी बहन के घर जाते हैं, उन्हें तिलक करके मिठाइयाँ खिलाते हैं, और उनकी लंबी उम्र की कामना करते हैं। यह पर्व भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत करने के साथ-साथ पारिवारिक प्रेम को भी प्रकट करता है।

घरों में दीप जलाना-

इस दिन को लेकर घरों में दीप जलाए जाते हैं, जो दिवाली की खुशियों और आशीर्वाद को और बढ़ा देते हैं। दीपों की यह रौशनी पूरे उत्तराखंड को एक खास धारा में बांध देती है, जो इसकी सांस्कृतिक धरोहर को जीवित रखती है।

संस्कार और एकता का प्रतीक-

इगास पर्व उत्तराखंड की संस्कारों और भाईचारे का प्रतीक है। इसे पारंपरिक स्वादिष्ट व्यंजन बनाने, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और मेल-मिलाप के साथ मनाया जाता है।

मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से आग्रह किया है कि वे इस पर्व को मिलकर मनाएं, और प्रदेश की संस्कृति और परंपराओं को संजोने के साथ-साथ राज्य में सौहार्दपूर्ण वातावरण का निर्माण करें।