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मदरसों में श्लोक मंत्र पढ़ाने का मौलाना ने किया विरोध

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- शिक्षा प्रणाली को सुधारने के लिए लिया गया है महत्वपूर्ण निर्णय

-मौलाना शहाबुद्दीन बोले इससे होगा टकराव

- कई जगह दिख रहा सकारात्मक प्रभाव


उत्तर प्रदेश में हाल ही में एक विवाद उत्पन्न हुआ है, जिसमें मदरसों में श्लोक और मंत्र पढ़ाने की अनुमति देने के लिए सरकार के निर्णय का विरोध किया जा रहा है। मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी बरेलवी, जो कि ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, ने इस फैसले पर चिंता व्यक्त की है और कहा है कि इससे समाज में टकराव उत्पन्न हो सकता है। हालांकि प्रदेश सरकार के शिक्षा प्रणाली को सुधारने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। पहली बार विरोध के सुर मौलाना के तरफ से सामने आए है। जबकि प्रदेश अन्य जगह सकारात्मक असर देखने को मिला है। 


मौलाना शहाबुद्दीन का बयान

मौलाना शहाबुद्दीन ने कहा कि मदरसे धार्मिक शिक्षा के महत्वपूर्ण केंद्र हैं, और इन्हें संविधान के तहत स्वतंत्रता मिली हुई है। उन्होंने चेतावनी दी कि इस तरह के कदम से सामुदायिक तनाव और विभाजन बढ़ सकता है। उन्होंने कहा, "मदरसों में श्लोक और मंत्र पढ़ाने का निर्णय उचित नहीं है और इससे आस्था और शिक्षा के मूल सिद्धांतों पर असर पड़ सकता है"।

सरकार की योजना

राज्य सरकार का कहना है कि यह निर्णय शिक्षा प्रणाली को सुधारने के उद्देश्य से लिया गया है, जिसमें सभी धर्मों के धार्मिक साहित्य को शामिल किया जाएगा। इसका उद्देश्य विभिन्न समुदायों के बीच सांस्कृतिक समझ को बढ़ाना है। हालांकि, मौलाना शहाबुद्दीन का मानना है कि यह निर्णय न केवल धार्मिक मान्यताओं का उल्लंघन करेगा, बल्कि इससे मदरसों की मौलिकता भी प्रभावित होगी।


राजनीतिक प्रतिक्रिया

इस मुद्दे पर राजनीतिक प्रतिक्रिया भी तेज़ हो गई है। कुछ राजनीतिक दलों ने मौलाना के बयान का समर्थन किया है, जबकि अन्य ने इसे चुनावी राजनीति का हिस्सा बताया है। मदरसों की भूमिका और उनके शिक्षण पद्धतियों को लेकर विभिन्न विचारधाराएं सामने आ रही हैं, जो इस मुद्दे को और भी जटिल बना रही हैं।

यह विवाद उत्तर प्रदेश में शिक्षा और धर्म के आपसी रिश्ते को फिर से रेखांकित करता है। मौलाना शहाबुद्दीन का बयान इस बात का संकेत है कि धार्मिक शिक्षा में हस्तक्षेप के नकारात्मक परिणाम हो सकते हैं। समाज में एकता और सामंजस्य बनाए रखने के लिए सरकार को इस मामले में सावधानी बरतनी होगी।