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इतिहास

पुण्य स्मरण 14 मई छत्रपति संभा जी महाराज

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पुण्य स्मरण 14 मई  छत्रपति संभा जी महाराज 


छत्रपति संभा जी महाराज (14 मई 1657 - 11 मार्च 1689) धर्मरक्षक महान योद्धा जयन्ती पर कोटि-कोटि नमन


माँ भारती के वीर सपूत छत्रपति संभाजी महाराज छत्रपति शिवाजी महाराज के बड़े पुत्र थे। छत्रपति शिवाजी महाराज ने मुगलों के विरुद्ध भारत के दक्षिण में हिन्दू साम्राज्य की स्थापना की थी।उनके परलोक गमन के पश्चात छत्रपति संभाजी महाराज ने अपने पिता की विरासत को संभाला और औरंगजेब की विशाल मुगल सेना को उनके नापाक मंसूबों में कभी सफल नहीं होने दिया। 


अपने उत्कर्ष के दिनों में उन्होंने 200से अधिकयुद्ध किए और प्रत्येक युद्ध में विजयीहुए।अपनेकुछ राजद्रोही साथियों के द्वारा विश्वासघात किये जाने पर उन्हें धोखे से औरंगजेब नेबंदी बना लिया और जीवनरक्षा के बदले उनसे इस्लाम कबूल करने को कहा, लेकिन छत्रपति संभाजी महाराज ने हिन्दू स्वाभिमान पर आंच नहीं आने दी।


औरंगजेब द्वारा उन्हें बहुत यातनाएं दी गईं, उनकी जुबान काटदी गई, आँखे निकाल ली गई, चमड़ी उतार ली गई किन्तु संभाजी के दृढ व्यक्तित्व को औरंगजेब धर्म मार्ग से डिगा नहीं सका।इससे औरंगजेब मानसिक रूप से विक्षिप्त हो गया और उसने छत्रपति संभाजी महाराज की जघन्य ह्त्या करा दी। 



धर्म और मातृभूमि की अस्मिता के लिए अपना अनुपम बलिदान देकर शूरवीर छत्रपति संभाजी महाराज का नाम भारतीय इतिहास के स्वर्णिम पृष्ठों पर सदा के लिए अंकित हो गया। उनके शौर्य, साहस और त्यागपूर्ण व्यक्तित्व पर प्रसिद्ध फिल्म ‘छावा’ बनी है।



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