वार्षिक खीर भवानी मेले के लिए पांच हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने कड़ी सुरक्षा के बीच जम्मू से अपनी यात्रा शुरू की. श्रद्धालुओं में अधिकांश कश्मीरी पंडित शामिल हैं. चार दिन की खीर भवानी तीर्थयात्रा को जम्मू के संभागीय आयुक्त रमेश कुमार, राहत आयुक्त डॉ. अरविंद करवानी और प्रमुख कश्मीरी पंडित नेताओं ने नगरोटा से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया.
कश्मीरी पंडितों की आस्था का महापर्व खीर भवानी मेला इस वर्ष ज्येष्ठ अष्टमी पर 14 जून को मनाया जाएगा. ज्येष्ठ अष्टमी पर आयोजित किया जाने वाला वार्षिक खीर भवानी मेला 14 जून को गांदरबल के तुलमुल्ला, कुपवाड़ा के टिक्कर, अनंतनाग के लक्टीपोरा ऐशमुकम, कुलगाम में माता त्रिपुर सुंदरी देवसर और माता खीर भवानी मंज़गाम के मंदिरों में आयोजित किया जाएगा. अमरनाथ यात्रा के बाद कश्मीर में हिंदुओं का सबसे बड़ा त्यौहार है.
खीर भवानी मंदिर में लगने वाले वार्षिक मेले को लेकर कश्मीरी पंडितों में काफी उत्साह है. बुधवार को उधमपुर से भी कश्मीरी पंडितों का एक दल मेले में हिस्सा लेने के लिए रवाना हुआ. बुधवार सुबह एडीसी जोगेंद्र जसरोटिया ने डीसी कार्यालय परिसर से दल को शुभकामनाओं के साथ हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. माता रानी के जयकारों के साथ तीर्थयात्री जोश एवं उत्साह के साथ दर्शन के लिए रवाना हुए.
उधमपुर से इस बार प्रशासन की तरफ से एक दिन पहले ही यात्रियों को यहां से रवाना किया है. इन सभी को जम्मू से श्रीनगर जाने वाले तीर्थ यात्रियों के साथ शामिल किया जाएगा. कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के साथ यात्रियों को गांदरबल ले जाया जाएगा, जहां इनके ठहरने की व्यवस्था की गई है. सभी व्यवस्थाएं संबंधित जिला प्रशासन की देखरेख में की गई हैं.
कश्मीरी पंडित माता रानी से हर साल श्रीनगर में शांति और विस्थापन का दर्द झेल रहे कश्मीरी पंडितों की सुरक्षित घर वापसी की प्रार्थना करते हैं.